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Friday, August 25, 2017

"वेंकैया नायडू" के बारे में 12 रोचक तथ्य | 12 Interesting Facts about "Venkaiah Naidu" in Hindi


वेंकैया नायडू के बारे में कई रोचक बातें हैं। उनमें से 12 रोचक बातें निम्नलिखित हैं:

1. वेंकैया नायडू का पूरा नाम मुप्पवरपु वेंकैया नायडू है।

2. वेंकैया नायडू का जन्म 1 जुलाई 1949 को आंध्र प्रदेश के नेल्लोर जिले के चावटपलेम में हुआ था।

3. वेंकैया नायडू ने अपनी स्कूली शिक्षा वी.आर. हाई स्कूल, नेल्लोर से पूरी की और वी.आर. कॉलेज से राजनीति तथा राजनयिक अध्ययन में स्नातक किया। वे स्नातक परीक्षा प्रथम श्रेणी में उत्तीर्ण हुये।

4. वेंकैया नायडू ने तत्पश्चात आन्ध्र विश्वविद्यालय, विशाखापत्तनम से कानून में स्नातक की डिग्री हासिल की।

5. वर्ष 1974 में वेंकैया नायडू आंध्र विश्वविद्यालय में छात्र संघ के अध्यक्ष के रूप में निर्वाचित हुए।

6. वेंकैया नायडू की छवि एक तेजतर्रार आन्दोलनकारी के रूप में रही है। छात्र जीवन में वे लोकनायक विचारधारा वाले जयप्रकाश नारायण की तरफ गये और उनसे काफी प्रभावित हुए।

7. जिस समय देश में आपातकाल लगा था, नायडू जी आपातकालीन संघर्ष में हिस्सा लेने लगे और वे आपातकाल के विरोध करने पर कई बार जेल भी गये।

8. 29 वर्ष की उम्र में वेंकैया नायडू वर्ष 1978 में पहली बार उदयगिरी से विधायक बने।

9. सन 1977 से 1980 तीन साल तक वेंकैया नायडू जनता पार्टी के युवा शाखा के अध्यक्ष रहे। सन 2002 से 2004 के समय वे भारतीय जनता पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष बनाये गये।

10. वर्ष 2017 में 11 अगस्त को वेंकैया नायडू ने भारत के 13वें उपराष्ट्रपति के रूप में शपथ ली। उन्होंने पूर्व उपराष्ट्रपति हामिद अंसारी की जगह ली।

11. उप राष्ट्रपति बनने से पहले नायडू जी केंद्र सरकार में शहरी विकास, आवास और शहरी गरीबी उन्मूलन तथा संसदीय कार्य मंत्री थे।

12. अटल बिहारी वाजपेयी से लेकर लालकृष्ण आडवाणी और नरेंद्र मोदी तक, वेंकैया नायडू जी सबकी पसंद रहे हैं। 



Wednesday, August 16, 2017

"रामनाथ कोविंद" के बारे में 13 रोचक तथ्य | 13 Interesting Facts about "Ramnath Kovind" in Hindi


रामनाथ कोविंद जी के बारे में कई रोचक बातें हैं। उनमें से 13 रोचक बातें निम्नलिखित हैं:
 
1. रामनाथ कोविंद जी का जन्म 1 अक्टूबर 1945 को कानपुर की डेरापुर तहसील के गांव परौंख में में हुआ था।

2. इनके पिता का नाम माईक लाल और इनकी माता का नाम कलावती था।

3. कोविन्द का सम्बन्ध कोरी (कोली) जाति से है जो उत्तर प्रदेश में अनुसूचित जाति के अंतर्गत आती है।

4. रामनाथ कोविंद की प्रारम्‍भिक शिक्षा संदलपुर ब्लाक के ग्राम खानपुर परिषदीय प्राथमिक व पूर्व माध्यमिक विद्यालय में हुई थी। इसके बाद इन्‍होंने डी.ए.वी. कॉलेज से बी कॉम व डी.ए.वी. लॉ कालेज से विधि स्नातक की पढ़ाई पूरी की।

5. रामनाथ कोविंद ने आई.ए.एस. की तैयारी की और तीसरे प्रयास में इन्‍होंने ये परीक्षा पास की लेकिन प्रथम स्‍थान न आने के कारण इन्‍होंने यह नौकरी ठुकरा दी।

6. 30 मई 1974 को रामनाथ कोविंद का विवाह सविता कोविन्द के साथ हो गया।

7. इन दोंनों के एक पुत्र जिसका नाम प्रशांत और एक पुत्री जिसका नाम स्‍वाति है।

8. कोविंद जी ने दिल्‍ली हाई कोर्ट में 16 साल तक प्रेक्टिस की थी।

9. रामनाथ कोविंद वर्ष 1977 से 1979 तक केन्‍द्र सरकार के वकील भी रहे।

10. कोविंद जी को सबसे पहली बार भारतीय जनता पार्टी ने वर्ष 1990 में घाटमपुर लोकसभा सीट से टिकट दिया लेकिन वह चुनाव हार गए।

11. कोविंद जी वर्ष 1994 में पहली बार राज्‍यसभा के लिए सांसद चुने गये थे और वह 12 साल तक राज्‍यसभा के सदस्‍य रहे थे।

12. कोविंद जी को 8 अगस्‍त 2015 को बिहार का गवर्नर नियुक्‍त किया गया।

13. 25 जुलाई 2017 को रामनाथ कोविंद ने उच्चतम न्यायालय के मुख्य न्यायाधीश जे.एस. खेहर से भारत के 14वें राष्ट्रपति के रूप में शपथ ली। 


Thursday, June 22, 2017

"चंद्रशेखर आजाद" के बारे में 15 रोचक तथ्य | 15 Interesting Facts about "Chandra Shekhar Azad" in Hindi


चंद्रशेखर आजाद के बारे में कई रोचक बातें हैं। उनमें से 15 रोचक बातें निम्नलिखित हैं:

 
1. चंद्रशेखर आज़ाद का जन्म 23 जुलाई 1906 को हुआ था। उनका वास्तविक नाम चन्द्रशेखर तिवारी था।

2. उनके पिता का नाम पंडित सीताराम तिवारी था, जो बदर गांव, जिला-उन्नाव, उत्तर प्रदेश के निवासी थे। उनकी माँ का नाम जगरानी देवी था।

3. चंद्रशेखर आज़ाद का प्रारम्भिक जीवन आदिवासी बाहुल्य क्षेत्र में स्थित भाबरा गाँव में बीता।

4. चंद्रशेखर आज़ाद, मात्र 17 वर्ष की आयु में क्रांतिकारी दल ‘हिन्दुस्तान रिपब्लिकन एसोसिएशन’ में सम्मिलित हो गए। उन्होंने दल में प्रभावी भूमिका निभायी।

5. चंद्रशेखर आज़ाद ने प्रसिद्ध ‘काकोरी कांड’ में सक्रिय भाग लिया। सांडर्स वध, सेण्ट्रल असेम्बली में भगत सिंह द्वारा बम फेंकना, वाइसराय की ट्रेन बम से उड़ाने की चेष्टा, सबके नेता वही थे।

6. 1921 में जब महात्‍मा गाँधी ने असहयोग आन्दोलन प्रारंभ किया तो उन्होंने उसमे सक्रिय योगदान किया।

7. चंद्रशेखर आज़ाद के ही सफल नेतृत्व में भगतसिंह और बटुकेश्वर दत्त ने 8 अप्रैल, 1929 को दिल्ली की केन्द्रीय असेंबली में बम विस्फोट किया।

8. चंद्रशेखर आजाद अपने साथ हमेशा एक माउज़र रखते थे। ये पिस्टल आज भी इलाहाबाद के म्यूजियम में रखी हुई है।

9. चंद्रशेखर आजाद ने अंग्रेजों के हाथों ना मरने की कसम खाई थी और इसे निभाया भी।

10. 27 फ़रवरी, 1931 को जब चंद्रशेखर आज़ाद अपने साथी सुखदेव राज के साथ एल्फ्रेड पार्क में बैठकर विचार–विमर्श कर रहे थे तो मुखबिर की सूचना पर पुलिस ने उन्हें घेर लिया। बहुत देर तक आज़ाद ने जमकर अकेले ही मुक़ाबला किया।

11. उन्होंने अपने साथी सुखदेवराज को पहले ही भगा दिया था। आख़िर में उनके पास केवल एक आख़िरी गोली बची। उन्होंने सोचा कि यदि मैं यह गोली भी चला दूँगा तो जीवित गिरफ्तार होने का भय है। उन्होंने आख़िरी गोली स्वयं पर ही चला दी। इस घटना में चंद्रशेखर आज़ाद की मृत्यु हो गई।

12. जिस पार्क में चंद्रशेखर आजाद की मौत हुई थी उसका नाम बदलकर चंद्रशेखर आजाद पार्क रख दिया गया।

13. चंद्रशेखर आज़ाद भारतीय स्वतंत्रता संग्राम के प्रसिद्ध क्रांतिकारी थे। उन्होंने साहस की नई कहानी लिखी। उनके बलिदान से स्वतंत्रता के लिए आंदोलन तेज़ हो गया। हज़ारों युवक स्‍वतंत्रता आंदोलन में कूद पड़े।

14. आजाद सदैव एक शेर बोला करते थे “दुश्मन की गोलियों का हम सामना करेंगे, आजाद ही रहे हैं. आजाद ही रहेंगे”।

15. आज़ाद के शहीद होने के सोलह वर्षों के बाद 15 अगस्त सन् 1947 को भारत की आज़ादी का उनका सपना पूरा हुआ।

एक महान स्वतंत्रता सेनानी के रूप में चंद्रशेखर आज़ाद को सदैव याद किया जायेगा !!!



Tuesday, June 20, 2017

16 Interesting Facts about "Mother Teresa"

There are many interesting and amazing facts about Mother Teresa. Out of them, 16 interesting facts about Mother Teresa are as follows:
 
1. Real Name of Mother Teresa was Agnes Gonxha Bojaxhiu. 

2. She was born on Aug. 26, 1910, in Macedonia.

3. Her father died when she was only 8, ending her family’s financial security.

4. Agnes was fascinated with missionaries from an early age, and by 12 she knew that she would commit herself to a religious vocation.

5. When she was 18, she left home and joined the Sisters of Loreto in Rathfarnham, Ireland.

6. Mother Teresa committed to be a nun in 1931 and chose the name Teresa to honour patron saints of Australia and Spain.

7. In 1946 Teresa traveled to Darjeeling for a retreat. On that journey she realized what her true calling was: “I heard the call to give up all and follow Christ into the slums to serve him among the poorest of the poor.”

8. In 1950, she founded the Missionaries of Charity, a Roman Catholic religious congregation dedicated to serve “the hungry, the naked, the homeless, the crippled and the blind.

9. Although she lived to be 87, she never saw her mother or sister again after the day she left for Ireland.

10. In addition to promoting literacy, Mother Teresa taught the children basic hygiene.

11. Mother Teresa was honored with many awards throughout her life.

12. In the year 1979, Mother Teresa was honored with the 'Nobel Peace Award'.

13. She later received 'Bharat Ratna' (India's highest civilian award) in 1980.

14. Mother Teresa died on 5 September 1997 at the age of 87 at Calcutta, West Bengal, India.

15. The Central Government had released a Rs 5 coin to commemorate the birth centenary of Mother Teresa.

16. Mother Teresa is still alive in our hearts and Mother Teresa Quotes still inspire us.


Friday, May 19, 2017

"गुरुदेव रबिन्द्रनाथ टैगोर" के बारे में 13 रोचक तथ्य | 13 Interesting Facts about "Gurudev Rabindranath Tagore" in Hindi


गुरुदेव रबिन्द्रनाथ टैगोर जी के बारे में कई रोचक बातें हैं। उनमें से 13 रोचक बातें निम्नलिखित हैं:

 
1. रबिन्द्रनाथ टैगोर का जन्म 7 मई, 1861 को कलकत्ता (वर्तमान कोलकाता) के जोड़ासाँको ठाकुरबाड़ी में हुआ था।

2. उनके पिता का नाम देवेन्द्रनाथ टैगोर तथा माता का नाम शारदा देवी था। ये देवेन्द्रनाथ टैगोर के सबसे छोटे पुत्र थे।

3. रबिन्द्रनाथ टैगोर की शिक्षा अधिकाँश घर पर हुई थी। इनको वकालत पढ़ने के लिए इंग्लैंड भेजा गया। वहाँ एक साल ठहरने के पश्चात वह भारत वापस आ गए। घर के शांतपूर्ण वातावरण में इन्होने बँगला भाषा में लिखने का कार्य आरम्भ कर दिया और शीघ्र ही प्रसिद्धि प्राप्त कर ली।

4. रबिन्द्रनाथ टैगोर ने अनेक कवितायें, लघु कहानियाँ, उपन्यास, नाटक और निबंध लिखे। उनकी रचनाएं सर्वप्रिय हो गयीं।

5. साहित्य के क्षेत्र में उन्होंने अपूर्व योगदान दिया और उनकी रचना 'गीतांजलि' के लिए उन्हें साहित्य के 'नोबल पुरस्कार' से भी सम्मानित किया गया था।
 
6. टैगोर एक दार्शनिक, कलाकार और समाज-सुधारक भी थे। कलकत्ता के निकट इन्होने एक स्कूल स्थापित किया जो अब 'विश्व भारती' के नाम से प्रसिद्द है।
 
7. रबिन्द्रनाथ टैगोर ने साहित्य, शिक्षा, संगीत, कला, रंगमंच और शिक्षा के क्षेत्र में अपनी अनूठी प्रतिभा का परिचय दिया। अपने मानवतावादी दृष्टिकोण के कारण वह सही मायनों में विश्वकवि थे।

8. भारतीय संस्कृति के सर्वश्रेष्ठ रूप से पश्चिमी देशों का परिचय और पश्चिमी देशों की संस्कृति से भारत का परिचय कराने में टैगोर की बड़ी भूमिका रही।
 
9. वे 'गुरुदेव' के नाम से लोकप्रिय हुए। गुरुदेव के काव्य के मानवतावाद ने उन्हें दुनिया भर में पहचान दिलाई।
 
10. रबिन्द्रनाथ टैगोर ने अमेरिका, ब्रिटेन, जापान, चीन सहित दर्जनों देशों की यात्राएँ की थी।

11. 7 अगस्त 1941 को देश की इस महान विभूति का देहावसान हो गया।

12. टैगोर दुनिया के अकेले ऐसे कवि हैं, जिनकी दो कृतियां, दो देशों की राष्ट्रगान बनीं। भारत का राष्ट्रगान 'जन गण मन अधिनायक जय हे, भारत भाग्य विधाता..' और बांग्लादेश का 'आमार सोनार बांग्ला...'।

13. नोबल पुरस्कार विजेता महान भारतीय कवि रबिन्द्रनाथ टैगोर की जन्म की वर्षगांठ को प्रत्येक वर्ष 'रबिन्द्रनाथ टैगोर जयंती' के रूप में मनाया जाता है। इस दिन कविगुरु के चित्र पर श्रद्धासुमन अर्पित किए जाते हैं और उन्हें सम्मान दिया जाता है। 


Sunday, May 14, 2017

"भगत सिंह" के बारे में 16 रोचक तथ्य | 16 Interesting Facts about "Bhagat Singh" in Hindi


भगत सिंह के बारे में कई रोचक बातें हैं। उनमें से 16 रोचक बातें निम्नलिखित हैं:
 
1. सरदार भगत सिंह का जन्म 28 सितंबर, 1907 मेँ पंजाब के जिला लायलपुर में बंगा गांव (जो अभी पाकिस्तान में है) में एक सिख परिवार मेँ हुआ था।

2. उनके पिता का नाम सरदार किशन सिंह और माता का नाम विद्यावती कौर था।

3. भगतसिंह के जन्म के बाद उनकी दादी ने उनका नाम 'भागो वाला' रखा था। जिसका मतलब होता है 'अच्छे भाग्य वाला'। बाद में उन्हें 'भगतसिंह' कहा जाने लगा।

4. भगत सिंह मात्र 14 वर्ष की आयु से ही पंजाब की क्रांतिकारी संस्थाओं में कार्य करने लगे थे।

5. सरदार भगत सिंह का पूरा परिवार देशभक्त और क्रांतिकारी था। पिता सरदार किशन सिंह और दो चाचा सरदार अजीत सिंह और स्वर्ण सिंह भी देश के लिए कई बार जेल गए।
 
6. सन 1923 में इंटरमीडिएट की परीक्षा पास करने के बाद उन्हें विवाह बंधन में बांधने की तैयारियां होने लगी तो वह लाहौर से भागकर कानपुर आ गए। फिर देश की आजादी के संघर्ष में रम गये व अपना पूरा जीवन देश को समर्पित कर दिया।

7. भगत सिंह ने महात्मा गांधी जी से प्रेरित होकर उनके 'असहयोग आंदोलन' में भाग लिया।

8. महात्मा गांधी की अहिंसा की नीतियों से भगत सिंह सहमत नहीं थे. भगत सिंह को लगता था कि बिना हथियार उठाए आजादी नहीं मिल सकती है।
 
9. लाला लाजपतराय की मौत का बदला लेने के लिए भगत सिंह और उनके दोस्तों ने स्कॉट सांडर्स को गोलियों से भून दिया। इन्होंने केन्द्रीय संसद (सेण्ट्रल असेम्बली) में बम फेंका।

10. भगत सिंह और क्रांति दल के सदस्यों ने असेम्बली पर बम लोगों की जान लेने के लिए नही फेंका था, बल्कि ब्रिटिश सरकार का ध्यान आकर्षित करने के लिए फेंका था।

11. भगत सिंह और उनके साथियों को लाहौर जेल
में बंद रखा गया था। भगत सिंह ने जेल मे डायरी और पत्र लिखा था। उनकी डायरी क्रांतिकारी विचारों से भरी हुई थी।
 
12. 23 मार्च, 1931 को भगत सिंह को राजगुरु एवम सुखदेव के साथ फांसी दे दी गयी।

13. भारत के स्वतंत्रता आन्दोलन
में सरदार भगत सिंह का नाम प्रमुखता से लिया जाता है। वह भारत के एक प्रमुख स्वतंत्रता सेनानी थे।

14. भगत सिंह का नारा "इन्कलाब जिन्दाबाद" आज भी हर भारतीय के लिए ऊर्जावान है।

15. उन्होंने देश की आज़ादी के लिए जिस साहस का परिचय दिया, वह आज के युवकों के लिए एक बहुत बड़ा आदर्श है, जिस कारण उनका नाम अमर शहीदों में सबसे प्रमुख रूप से लिया जाता है।

16. भगत सिंह का जीवन चरित्र लाखो नौजवानों को देश और मातृभूमि के प्रति कर्तव्य पालन की सीख देता रहा है। 



Wednesday, April 19, 2017

23 Interesting Facts about "Dr. A.P.J. Abdul Kalam"


There are many interesting and amazing facts about
Dr. A.P.J. Abdul Kalam. Out of them 23 interesting facts about Dr. A.P.J. Abdul Kalam are as follows:  

1. Full name of 'Dr. A.P.J. Abdul Kalam' was 'Dr. Avul Pakir Jainulabdeen Abdul Kalam'.

2. He was born on October 15, 1931 at Dhanushkothi in the temple town Rameshwaram in Tamil Nadu.
 
3. He was born in a poor family, but he was an exceptionally brilliant child.
 
4. In order to support his poor family, young Kalam used to distribute newspapers after his school hours to add to his father's income.
 
5. Kalam passed the B.Sc. examination from Saint Joseph College, Thiruchirapalli. He joined Madras Institute of Technology (MIT).
 
6. His favourite subjects were Mathematics and Physics and ultimately, he took up aerospace engineering later in life.
 
7. His further knowledge in the field got upgraded when he joined Defense Research and Development Organization (DRDO) in 1958 and Indian Space Research Organization (ISRO) in 1963.
 
8. He is known as the Missile Man of India. The various Indian Missiles of world order like Prithvi, Trishul, Akash, Agni, etc. are mainly the result of his efforts and caliber.
 
9. Dr. A.P.J. Abdul Kalam became the 11th President of India. He served the country from 2002 to 2007.
 
10. For his excellence and brilliance, he was awarded the prestigious Bharat Ratna in 1998; Padma Vibhushan in 1990; and Padma Bhushan in 1981.
 
11. He was also a recipient of honorary doctorates from 40 universities.
 
12. A prolific writer, Kalam has authored around 15 books on various subjects ranging from nuclear physics to spiritual experiences.
 
13. Dr Kalam expired on Monday 27 July 2015. He suddenly fell unconscious when he was delivering a lecture at the Indian Institute of Management at Shillong.
 
14. On 30 July 2015, the former President was laid to rest at Rameswaram's Pei Karumbu Ground with full state honours.
 
15. Over 350,000 people attended the last rites, including the Prime Minister, the governor of Tamil Nadu and the chief ministers of Karnataka, Kerala and Andhra Pradesh
 
16. Dr. A.P.J. Abdul Kalam was mainly interested in work.
 
17. He was a bachelor.
 
18. He was not interested in going abroad. He wanted to serve his motherland first. He said that he thinks his first and foremost duty is to serve his motherland.
 
19. He was fond of music and the Koran and the Gita.
 
20. His autobiography Wings of Fire: An Autobiography , first published in English, has been translated into 13 languages including French and Chinese.
 
21. Ever since becoming the head of the Indian State, he had been having interaction with children all over the country.
 
22. He was by no means a miracle man.
 
23. His advice to the youngster of the nation was to "dream dream and convert these into thoughts and later into actions". 
 

Tuesday, April 18, 2017

22 Interesting Facts about "Mahatma Gandhi"


There are many interesting and amazing facts about Mahatma Gandhi. Out of them 22 interesting facts about Mahatma Gandhi are as follows:

1. Full name of 'Mahatma Gandhi' was Mohandas Karamchand Gandhi.

2. He was born in Porebandar of Gujarat, India on 2 October 1869.
 
3. After passing the Matric Examination he went to England for higher studies.
 
4. Gandhiji completed his law in England and came back to India in 1893. He started his career as a lawyer.
 
5. Social Life of Gandhiji was started in South Africa. In South Africa he faced many hurdles.
 
6. He discovered that the white men were ill treating the dark Indians there. He himself was tortured and insulted by the white often.
 
7. One day, he was travelling in a first class compartment of a train. He had booked a ticket for him. Still he was evented and punished out of the compartment by the white men.
 
8. Gandhiji fought against this unjust and cruel treatment. He observed Satyagraha there and became successful.
 
9. Gandhiji returned to India and took part in freedom fight. He was sent to jail many times. Now all the countrymen were with him.
 
10. He started the Non-co-operation in 1930 and the Quit India Movement in 1942.
 
11. He became famous as the 'Father of Nation'. Lastly India wins freedom on 15th August 1947.
 
12. Gandhi's style of living was very simple. He was follower of 'Simple living, high thinking'.
 
13. He taught us the lesson of 'Ahimsa'. He removed the caste barrier in India. He was a reformer.
 
14. Mahatma Gandhi walked/ traveled almost 18 kilometers a day throughout his lifetime which is enough to walk around the world twice over.
 
15. Mahatma Gandhi was nominated for the Nobel Peace prize 5 times.
 
16. He was shot dead by an Indian on his way to attend a prayer on 30 January, 1948.
 
17. The funeral procession of Mahatma Gandhi was 8 kilometers long.
 
18. He never held an official position in any political body during the final years of his life.
 
19. He was thinking of dissolving the Congress a day before he died.
 
20. Great Britain, the country against whom he fought for independence, released a stamp honouring him, 21 years after his death.
 
21. There are 53 major roads (excluding the smaller ones) in India, and 48 roads outside India that are named after him.
 
22. Mahatma Gandhi is remembered in the world for his major virtues. 



Saturday, April 8, 2017

"योगी आदित्यनाथ" के बारे में 28 रोचक तथ्य | 28 Interesting Facts about "Yogi Adityanath" in Hindi


योगी आदित्यनाथ के बारे में कई रोचक बातें हैं। उनमें से 28 रोचक बातें निम्नलिखित हैं: 

1. योगी आदित्यनाथ का जन्म का नाम अजय सिंह बिष्ट है। इनके पिताजी का नाम आनंद सिंह बिष्ट है।

2. उनका जन्म 5 जून 1972 को उत्तराखण्ड (तब उत्तर प्रदेश) के पौड़ी गढ़वाल जिले स्थित यमकेश्वर तहसील के पंचूर नामक गाँव में हुआ था।

3. योगी आदित्यनाथ ने 1977 में टिहरी के गजा के स्थानीय स्कूल में पढ़ाई शुरू की व 1987 में टिहरी के गजा स्कूल से दसवीं की परीक्षा पास की।
 
4. सन् 1989 में ऋषिकेश के श्री भरत मन्दिर इण्टर कॉलेज से इन्होंने इंटरमीडिएट की परीक्षा पास की।
 
5. 1990 में ग्रेजुएशन की पढ़ाई करते हुए ये ए.बी.वी.पी. से जुड़ गए। 1992 में से इन्होंने गणित में बी.एस.सी. की परीक्षा पास की।
 
6. वर्ष 1993 में गणित में एम.एस.सी. की पढ़ाई के दौरान गुरु गोरखनाथ पर रिसर्च करने योगी आदित्यनाथ गोरखपुर आए। यहां गोरखनाथ पीठ के महंत अवैद्यनाथ जी की नजर इन पर पड़ी।
 
7. प्रारब्ध की प्राप्ति से प्रेरित होकर योगी आदित्यनाथ ने 22 वर्ष की अवस्था में सांसारिक जीवन त्यागकर सन्यास ग्रहण कर लिया।
 
8. 1994 में ये पूर्ण सन्यासी बन गए, जिसके बाद इनका नाम अजय सिंह बिष्ट से योगी आदित्यनाथ हो गया।
 
9. वर्ष 1998 में योगी आदित्यनाथ सबसे पहले गोरखपुर से चुनाव भाजपा प्रत्याशी के तौर पर लड़े और जीत गए। तब इनकी उम्र महज 26 साल थी।
 
10. आदित्यनाथ बारहवीं लोक सभा (1998-99) के सबसे युवा सांसद थे।
 
11. 1999 में ये गोरखपुर से दोबारा सांसद चुने गए। 2004 में तीसरी बार लोकसभा का चुनाव जीता।
 
12. 7 सितम्बर 2008 को सांसद योगी आदित्यनाथ पर आजमगढ़ में जानलेवा हिंसक हमला हुआ था। इस हमले में वे बाल-बाल बच गये। यह हमला इतना बड़ा था की सौ से अधिक वाहनों को हमलावरों ने घेर लिया और लोगों को लहुलुहान कर दिया।
 
13. 2009 में ये लोकसभा चुनाव में 2 लाख से ज्यादा वोटों से जीतकर लोकसभा पहुंचे।
 
14. 2014 में पांचवी बार एक बार फिर से दो लाख से ज्यादा वोटों से जीतकर ये सांसद चुने गए।
 
15. वर्ष 2017 में विधानसभा चुनाव में बी.जे.पी. के राष्ट्रीय अध्यक्ष अमित शाह ने योगी आदित्यनाथ से पूरे राज्य में प्रचार कराया। इन्हें एक हेलीकॉप्टर भी दिया गया। उक्त चुनाव में बी.जे.पी. ने ऐतिहासिक जीत दर्ज की।
 
16. 19 मार्च 2017 को, जनसंख्या की दृष्टि से देश के सबसे बड़े राज्य उत्तर प्रदेश के, मुख्यमंत्री के रूप में योगी आदित्यनाथ ने शपथ ली।
 
17. योगी आदित्यनाथ का भारतीय जनता पार्टी के साथ रिश्ता काफी पुराना है। वह पूर्वी उत्तर प्रदेश में अच्छा खासा प्रभाव रखते हैं।
 
18. योगी आदित्यनाथ 'हिन्दू युवा वाहिनी' के संस्थापक हैं। इन्होंने अप्रैल 2002 मे हिन्दू युवा वाहिनी बनायी।
 
19. योगी आदित्यनाथ गोरखपुर के प्रसिद्ध गोरखनाथ मन्दिर के महन्त भी हैं।
 
20. योगी आदित्यनाथ जी महाराज एक खुली किताब हैं जिसे कोई भी कभी भी पढ़ सकता है। उनका जीवन एक योगी का जीवन है, सन्त का जीवन है।
 
21. इनकी छवि कथित तौर पर एक कट्टर हिन्दू नेता की है।
 
22. पीड़ित, गरीब, असहाय के प्रति करुणा, किसी के भी प्रति अन्याय एवं भ्रष्टाचार के विरुद्ध तनकर खड़ा हो जाने का निर्भीक मन, विचारधारा एवं सिद्धान्त के प्रति अटल, लाभ-हानि, मान-सम्मान की चिन्ता किये बगैर साहस के साथ किसी भी सीमा तक जाकर धर्म एवं संस्कृति की रक्षा का प्रयास उनकी पहचान है।
 
23. सहभोज के माध्यम से योगी आदित्यनाथ ने छुआ-छूत और अस्पृश्यता की भेदभावकारी रूढ़ियों पर जमकर प्रहार किया।
 
24. इन्होंने गोरक्षा के लिए आम जनमानस को जागरूक करके गोवंशों का संरक्षण एवं सम्वर्धन करवाया।

25. हिन्दुत्व के प्रति अगाध प्रेम तथा मन, वचन और कर्म से हिन्दुत्व के प्रहरी योगीजी को विश्व हिन्दु महासंघ जैसी हिन्दुओं की अन्तर्राष्ट्रीय संस्था ने अन्तर्राष्ट्रीय उपाध्यक्ष तथा भारत इकाई के अध्यक्ष का महत्त्वपूर्ण दायित्व दिया, जिसका उन्होंने सफलतापूर्वक निर्वहन किया।
 
26. योगी आदित्यनाथ की बहुमुखी प्रतिभा का एक आयाम लेखक का है। उन्होंने अत्यल्प अवधि में ही ‘यौगिक षटकर्म’, ‘हठयोग: स्वरूप एवं साधना’, ‘राजयोग: स्वरूप एवं साधना’ तथा ‘हिन्दू राष्ट्र नेपाल’ नामक पुस्तकें लिखीं।
 
27. श्री गोरखनाथ मन्दिर से प्रकाशित होने वाली वार्षिक पुस्तक ‘योगवाणी’ के योगी आदित्यनाथ प्रधान सम्पादक हैं तथा ‘हिन्दवी’ साप्ताहिक समाचार पत्र के प्रधान सम्पादक रहे।
 
28. योगी आदित्यनाथ का कुशल नेतृत्व युगान्तकारी है और उत्तर प्रदेश राज्य में एक नया इतिहास रच रहा है। 

Sunday, March 26, 2017

"स्वामी विवेकानंद" के बारे में 19 रोचक तथ्य | 19 Interesting Facts about "Swami Vivekanand" in Hindi


स्वामी विवेकानंद के बारे में कई रोचक बातें हैं। उनमें से 19 रोचक बातें निम्नलिखित हैं:
 
1. स्वामी विवेकानंद का जन्म 12 जनवरी 1863 में कोलकाता (कलकत्ता) में हुआ था। 

2. स्वामी विवेकानंद का मूल नाम नरेन्द्रनाथ दत्त था।
 
3. उनके पिता, विश्वनाथ दत्त कलकत्ता उच्च न्यायालय में एक वकील थे। उनकी माता भुवनेश्वरी देवी एक ग्रहणी थीं।
 
4. वर्ष 1884 में पिता के निधन के बाद स्वामी विवेकानंद को परिवार की जिम्मेदारी संभालनी पड़ी। उन्होंने ख़राब आर्थिक हालत में खुद भूखे रहकर भी अतिथियों का सत्कार किया।
 
5. विवेकानंद एक साधारण बालक थे लेकिन उन्हें पढने में काफी रूचि थी। उन्हें वेद, उपनिषद, भगवत गीता, रामायण, महाभारत और पुराण में काफी रुचि थी।
 
6. 1879 में 16 साल की उम्र में उन्होंने कलकत्ता से एंट्रेंस पास करके ग्रेजुएशन की और बाद में ब्रह्म समाज में शामिल हुए।
 
7. अपने गुरु से प्रेरित होकर उन्होंने सन्यासी जीवन बिताने की दीक्षा ली और स्वामी विवेकानंद के रूप में जाने गए।
 
8. स्वामी विवेकानंद ने पैदल ही पूरे भारत की यात्रा की।
 
9. नवम्बर 1881 में पहली बार वे स्वामी रामकृष्ण से मिले थे। और यही उनके जीवन का टर्निंग पॉइंट भी था। तभी से उन्होंने रामकृष्ण को अपना गुरु माना था।
 
10. 1893 में वे शिकागो धर्म संसद में गए और 1896 तक अमेरिका में रहे।
 
11. 11 सितम्बर 1893 को विश्व धर्म सम्मलेन में उन्होंने हिंदुत्वता पर अपना पहला भाषण दिया। उन्होंने अपने भाषण की शुरुआत 'सिस्टर एंड ब्रदर्स ऑफ़ अमेरिका' से की। ये सुनते ही वहा उपस्थित सभी लोगो ने उनके लिये खड़े होकर जोरो से तालियां बजायीं। 

12. शिकागो के भाषण के बाद, उन्होंने विश्व भर में काफी भाषण दिए और बहुत से लोगो से मिले। जैसे की भगिनी निवेदिता, मैक्स मुलर, पॉल ड्यूसेन इत्यादि।
 
13. स्वामी विवेकानंद ने 9 दिसंबर 1898 को कलकत्ता के निकट गंगा नदी के किनारे बेलूर में 'रामकृष्ण मठ' की स्थापना की।
 
14. उन्होंने 'रामकृष्ण मिशन' की स्थापना की।
 
15. उनका निधन 04 जुलाई 1902 में 39 साल की आयु में बेलूर मठ में हुआ।
 
16. स्वामी विवेकानंद की शिक्षाएं देश की सबसे बड़ी दार्शनिक संपत्ति हैं। नरेन्द्रनाथ से विवेकानंद का नाम उन्हें खेत्री के महाराजा अजित सिंह ने दिया था।
 
17. स्वामी विवेकानंद एक संत व भारत के सच्चे देशभक्त थे। उन्होंने कई विषयों पर अपने बहुमूल्य विचार दिये हैं।
 
18. स्वामी विवेकानंद ने योग, राजयोग तथा ज्ञानयोग जैसे ग्रंथों की रचना की।
 
19. भारत सरकार द्वारा वर्ष 1984 में की गई घोषणा के पश्चात से, भारत में हर साल 12 जनवरी को स्वामी विवेकानंद का जन्मदिन 'राष्ट्रीय युवा दिवस' के रूप में मनाया जाता है। 


Saturday, January 7, 2017

"ओम पुरी" के बारे में 13 रोचक तथ्य | 13 Interesting Facts about "Om Puri" in Hindi


ओम पुरी के बारे में कई रोचक बातें हैं। उनमें से 13 रोचक बातें निम्नलिखित हैं:
 
1. ओम पुरी का जन्म 18 अक्टूबर 1950 में अम्बाला शहर, पंजाब (अब हरियाणा) में हुआ था।

2. उन्होंने अपनी प्रारंभिक शिक्षा अपने ननिहाल पंजाब के पटियाला से पूरी की।

3. वर्ष 1976 में पुणे फिल्म संस्थान से प्रशिक्षण प्राप्त करने के बाद ओम पुरी ने लगभग डेढ़ वर्ष तक एक स्टूडियो में अभिनय की शिक्षा दी।

4. बाद में ओम पुरी ने अपने निजी थिएटर ग्रुप 'मजमा' की स्थापना की।

5. ओम पुरी हिन्दी फिल्मों के एक प्रसिद्ध अभिनेता थे।

6. उन्होंने अपने फ़िल्मी सफर की शुरुआत मराठी नाटक पर आधारित फिल्म 'घासीराम कोतवाल' से की थी।

7. वर्ष 1980 में रिलीज फिल्म 'आक्रोश' ओम पुरी के सिने कैरियर की पहली हिट फिल्म साबित हुई।

8. ओम पुरी को फिल्म 'आरोहण' और 'अर्ध सत्य' के लिए बेस्ट ऐक्टर (Best Actor) का नेशनल अवार्ड भी मिला।

9. इन्होने ब्रिटिश तथा अमेरिकी सिनेमा में भी योगदान किया है।

10. वर्ष 1988 में ओम पुरी ने दूरदर्शन की मशहूर टीवी सीरीज 'भारत एक खोज' में कई भूमिकाएं निभाईं जिन्हें दर्शकों ने काफी सराहा।

11. ओम पुरी को वर्ष 1990 में भारत सरकार की ओर से 'पद्म श्री' पुरस्कार से सम्मानित किया गया।

12. ओम पुरी की पत्नी नंदिता पुरी ने उनकी बायोग्राफी 'Unlikely Hero' का विमोचन 23 नवंबर 2009 को किया।

13. हिंदी सिनेमा के बेहतरीन और उम्दा कलाकार ओम पुरी का दिल का दौरा पड़ने के कारण दिनांक 06.01.2017 को निधन हो गया। 


Saturday, December 31, 2016

"डॉ० जाकिर हुसैन" के बारे में 17 रोचक तथ्य | 17 Interesting Facts about "Dr. Zakir Hussain" in Hindi


डॉ० जाकिर हुसैन के बारे में कई रोचक बातें हैं। उनमें से 17 रोचक बातें निम्नलिखित हैं:

1. डॉ० जाकिर हुसैन का जन्म 8 फरवरी, 1897 को हैदराबाद में हुआ था।

2. उनके पिता का नाम फ़िदा हुसैन खान था। इनका जन्म एक संपन्न पठान परिवार में हुआ था और जन्म के कुछ ही वर्ष बाद इनका परिवार हैदराबाद छोड़ उत्तर प्रदेश रहने चला गया था।

3. जब वह केवल 10 वर्ष के थे तो उनके पिता चल बसे और 14 वर्ष की उम्र में उनकी माँ का निधन हो गया था।

4. डॉ० जाकिर हुसैन की प्रारंभिक शिक्षा इस्लामिया हाई स्कूल, इटावा में हुई। आगे की पढ़ाई के लिए वे अलीगढ़ मुस्लिम यूनिवर्सिटी गए थे।

5. उन्होंने जर्मनी विश्वविद्यालय से अर्थशास्त्र में पी.एच.डी की डिग्री भी प्राप्त की। वे एक व्यावहारिक और आशावादी व्यक्तित्व के इंसान थे।

6. डॉ० जाकिर हुसैन ने शिक्षा सुधार के क्षेत्र में अपनी सक्रिय भूमिका निभाई।

7. वे भारत में आधुनिक शिक्षा के सबसे बड़े समर्थकों में से एक थे और उन्होंने अपने नेतृत्व में राष्ट्रीय मुस्लिम विश्वविद्यालय को स्थापित किया।

8. उनके द्वारा स्थापित राष्ट्रीय मुस्लिम विश्वविद्यालय आजकल 'जामिया मिलिया इस्लामिया' के नाम से एक केन्द्रीय विश्वविद्यालय के रूप में नई दिल्ली में मौजूद है, जहाँ से हजारों छात्र प्रत्येक वर्ष अनेक विषयों में शिक्षा ग्रहण करते हैं।

9. 1957 में डॉ० जाकिर हुसैन बिहार राज्य के गवर्नर नियुक्त हुए।

10. 13 मई, 1967 को वह देश के तीसरे राष्ट्रपति के रूप में निर्वाचित हुए।

11. डॉ० जाकिर हुसैन भारत के पहले मुस्लिम राष्ट्रपति बने।

12. इसके पूर्व 1962 से 1967 तक वे देश के उप-राष्ट्रपति भी रहे।

13. वर्ष 1954 में उन्हें 'पद्म विभूषण' से सम्मानित किया गया।

14. शिक्षा और राजनीति के क्षेत्र में उत्कृष्ट योगदान देने के लिए वर्ष 1963 में डॉ० जाकिर हुसैन को भारत के सर्वोच्च नागरिक सम्मान 'भारत रत्न' से सम्मानित किया गया।

15. डॉ० जाकिर हुसैन का देहांत 3 मई, 1969 को हुआ।

16. वह भारत के पहले राष्ट्रपति हैं जिनकी मृत्यु अपने ऑफिस में ही हुई थी।

17. वे एक महान शिक्षाविद होने के साथ-साथ नेतृत्व क्षमता में भी बेजोड़ इंसान थे।


भारतीय राजनैतिक और शैक्षिक इतिहास में महत्वपूर्ण योगदान देने के लिए डॉ० जाकिर हुसैन को सदैव याद किया जाएगा!!! 
 

Friday, December 30, 2016

"लाल बहादुर शास्त्री" के बारे में 19 रोचक तथ्य | 19 Interesting Facts about "Lal Bahadur Shastri" in Hindi


लाल बहादुर शास्त्री के बारे में कई रोचक बातें हैं। उनमें से 19 रोचक बातें निम्नलिखित हैं:

1. लाल बहादुर शास्त्री जी का जन्म 2 अक्टूबर 1904 को उत्तर प्रदेश के मुगलसराय में हुआ था।

2. उनके पिता जी का नाम शारदा प्रसाद श्रीवास्तव और माता जी का नाम रामदुलारी देवी था।

3. इनके पिता इनके बचपन में ही स्‍वर्गवासी हो गये थे तो इनकी माता इन्‍हेंं लेकर इनके नाना के यहाँ चली गयींं। पढ़ने में कुशाग्र बुद्धि होने के कारण उन्होंने नाना-नानी के यहाँ रहकर प्राथमिक शिक्षा पूरी की।

4. आर्थिक तंगी के कारण वो नदी तैरकर स्कूल में पढ़ाई करने जाते थे।

5. काशी विद्यापीठ से 'शास्त्री' की उपाधि मिलते ही जन्म से चले आ रहे जातिसूचक शब्द श्रीवास्तव को हटा कर उन्होंने अपने नाम के आगे हमेशा के लिए 'शास्त्री' लगा लिया।

6. 16 मार्च 1928 को उनकी शादी मिर्जापुर की ललिता देवी से हुई थी और उन्होंने दहेज के तौर पर एक चरखा और कुछ गज कपड़ा लिया था।

7. शास्त्री जी ने स्वतंत्रता आंदोलन में गांधीवादी विचारधारा का अनुसरण करते हुए देश की सेवा की और आजादी के बाद भी अपनी निष्ठा और सच्चाई में कमी नहीं आने दी।

8. शास्‍त्री जी गांधी जी के साथ 'असहयोग आंदोलन' में कार्यरत रहे और कुछ समय के लिए जेल भी गए।

9. भारत की स्वतंत्रता के पश्चात शास्त्रीजी को उत्तर प्रदेश के संसदीय सचिव के रुप में नियुक्त किया गया था।

10. भीड़ को नियंत्रित करने के लिए लाठी की जगह पानी की बौछार का प्रयोग उन्होंने ही आरंभ किया था।

11. बहुत कम लोग ये बात जानते हैं कि परिवहन में जो आप महिलाओं के लिए आरक्षित सीट देखते हैं, उसकी शुरुआत भी लाल बहादुर शास्त्री ने की थी। 

12. शास्त्री जी ने 9 जून 1964 को भारत के प्रधान मंत्री का पद भार ग्रहण किया।

13. उन्होंने आजाद भारत के दूसरे प्रधानमंत्री के रूप में देश की बागडोर संभाली।

14. 11 जनवरी, 1966 में ताशकंद में उनका निधन हो गया था।

15. भगत सिंह के जीवन पर बनी फ़िल्म ‘शहीद’ देखकर तत्कालीन प्रधानमंत्री लाल बहादुर शास्त्री रो पड़े थे।  

16. शास्त्रीजी ने देशवासियों को 'जय जवान, जय किसान' का नारा दिया।

17. आज राजनीति में जहां हर तरफ भ्रष्टाचार का बोलबाला है वहीं शास्त्री जी एक ऐसे उदाहरण थे जो बेहद सादगी पसंद और ईमानदार व्यक्तित्व के स्वामी थे।

18. उनके उत्कृष्ट कार्यों के लिए उन्हें मरणोपरान्त वर्ष 1966 में भारत के सर्वोच्च नागरिक सम्मान 'भारत रत्न' से सम्मानित किया गया।

19. लाल बहादुर शास्त्री जी की याद में 'शास्त्री जयंती' प्रति वर्ष भारतवर्ष में 2 अक्टूबर को मनाई जाती है।


भारतीय इतिहास में सादगी और ईमानदारी के उदाहरण के रूप में लाल बहादुर शास्त्री का नाम सदैव याद किया जायेगा!!!   

Thursday, December 29, 2016

"महामना मदन मोहन मालवीय" के बारे में 16 रोचक तथ्य | 16 Interesting Facts about "Madan Mohan Malviya" in Hindi


महामना मदन मोहन मालवीय के बारे में कई रोचक बातें हैं। उनमें से 16 रोचक बातें निम्नलिखित हैं:

1. मदन मोहन मालवीय का जन्म 25 दिसंबर 1861 को इलाहाबाद में हुआ था।

2. उनके दादा पं. प्रेमधर और पिता पं. बैजनाथ संस्कृत के अच्छे विद्वान थे। उनके पिता पं. बैजनाथ, एक उत्कृष्ट कथावाचक (भागवत कथा) भी थे।

3. मदन मोहन की शादी 1878 में मिर्जापुर की कुमारी देवी के साथ हुई थी।

4. मदन मोहन की शिक्षा पांच साल की उम्र में शुरू हो गई थी। वह एक बहुत मेहनती बालक थे। उन्होंने 1879 में मुइर सेंट्रल कॉलेज से मैट्रिकुलेशन की परीक्षा उत्तीर्ण की।

5. उन्होंने 1884 में कलकत्ता विश्वविद्यालय से स्नातक किया। उन्होंने कानून की पढ़ाई की और 1891 में एल.एल.बी. की परीक्षा उत्तीर्ण की, किन्तु उन्होंने कानूनी पेशे में कोई दिलचस्पी नहीं ली।

6. मदन मोहन मालवीय एक सच्चे राष्ट्रभक्त थे। उन्होंने स्वतंत्रता आंदोलन में बढ़-चढ़ कर हिस्सा लिया।

7. मालवीय जी वर्ष 1909, 1918, 1930 और 1932 में कांग्रेस अध्यक्ष चुने गए थे।

8. मालवीय जी तीन बार हिन्दू महासभा के अध्यक्ष चुने गये थे।

9. ब्रिटिश सरकार ने मालवीय जी को वर्ष 1930 में सविनय अवज्ञा आंदोलन के समय धारा 144 के उल्लंघन करने के कारण गिरफ्तार कर लिया था।

10. उन्हें 'महामना' का खिताब दिया गया था। मदन मोहन मालवीय पूरे भारत में एक अकेले ऐसे व्यक्ति थे जिन्हें महामना की उपाधि से सम्‍मानित किया गया।

11. उन्हें वाराणसी में बनारस हिंदू विश्वविद्यालय (बी.एच.यू.) के संस्थापक के रूप में याद किया जाता है।

12. मदन मोहन मालवीय एक महान विद्वान, शिक्षाविद् एवं राष्ट्रीय आंदोलन के नेता थे। उन्होंने वर्ष 1906 में हिंदू महासभा की स्थापना की।

13. उन्होंने कई दैनिक, साप्ताहिक और मासिक समाचार पत्र और पत्रिकाओं का प्रकाशन भी किया।

14. 12 नवंबर 1946 को 85 वर्ष की आयु में मदन मोहन मालवीय का देहांत हो गया।

15. उनकी 153 जयंती के एक दिन पहले, 24 दिसंबर, 2014 को उन्हें (मरणोपरांत) भारत के सर्वोच्च नागरिक पुरस्कार, 'भारत रत्न' से सम्मानित किया गया।

16. मदन मोहन मालवीय का भारतीय सार्वजनिक जीवन में एक बहुत ही उच्च स्थान है।


महामना मदन मोहन मालवीय को उनकी सौम्यता और विनम्रता के लिए सदैव जाना जाता रहेगा!!! 

Wednesday, December 28, 2016

"डा0 सर्वपल्ली राधाकृष्णन" के बारे में 20 रोचक तथ्य | 20 Interesting Facts about "Dr. S. Radhakrishnan" in Hindi


डा0 सर्वपल्ली राधाकृष्णन के बारे में कई रोचक बातें हैं। उनमें से 20 रोचक बातें निम्नलिखित हैं:
 
1. डा0 सर्वपल्ली राधाकृष्णन का जन्म एक तेलुगू ब्राह्मण परिवार में तिरुतनी, भारत में 5 सितम्बर 1888 में हुआ था।

2. इनके पिता का नाम सर्वपल्ली विरास्वामी था। इनकी माता का नाम सीताम्मा था।

3. उनका बाल्यकाल तिरुतनी एवं तिरुपति जैसे धार्मिक स्थलों पर ही व्यतीत हुआ। इन्होने प्रथम आठ वर्ष तिरुतनी में ही गुजारे।

4. डा0 सर्वपल्ली राधाकृष्णन की प्रारंभिक शिक्षा क्रिश्चियन मिशनरी संस्था लुथार्न मिशन स्कूल, तिरुपति में 1896-1900 के मध्य हुई।

5. 1900-1904 तक उन्होंने वेल्लूर में शिक्षा ग्रहण की। तत्पश्चात मद्रास क्रिश्चियन कॉलेज, मद्रास में शिक्षा ग्रहण की।

6. उन्होंने दर्शन-शास्त्र में एम्0 ए0 किया और सन 1916 में मद्रास रेजीडेंसी कॉलेज में दर्शन-शास्त्र के सहायक प्राध्यापक नियुक्त हुए।

7. डा0 सर्वपल्ली राधाकृष्णन बचपन से ही मेधावी थे। उन्होंने अपने लेखों और भाषणों के माध्यम से विश्व को दर्शन-शास्त्र से परिचित कराया।

8. वे समूचे विश्व को एक विद्यालय मानते थे।

9. डा0 सर्वपल्ली राधाकृष्णन शिक्षा में कट्टर विश्वास रखते थे, और जाने-माने विद्वान, राजनयिक और आदर्श शिक्षक थे।

10. वह एक महान स्वतंत्रता सेनानी भी थे।

11. वह एक महान दार्शनिक और शिक्षक थे। उनको अध्यापन के पेशे से गहरा प्यार था।

12. डा0 सर्वपल्ली राधाकृष्णन को स्वतन्त्रता के बाद संविधान निर्मात्री सभा का सदस्य बनाया गया था।

13. सन 1949 में इन्हें मास्को में भारत का राजदूत चुना गया।

14. डा0 सर्वपल्ली राधाकृष्णन 13 मई 1952 से 12 मई 1962 तक भारत के उप-राष्ट्रपति रहे।

15. वे 13 मई 1962 से 13 मई 1967 तक भारत के राष्ट्रपति रहे। वह स्वतंत्र भारत के दूसरे राष्ट्रपति थे।

16. उनकी मृत्यु 86 वर्ष की आयु में 17 अप्रैल 1975 को हुई।

17. शिक्षा और राजनीति में उत्कृष्ट योगदान देने के लिए राधाकृष्णन को वर्ष 1954 में भारत के सर्वोच्च नागरिक सम्मान 'भारत रत्न' से नवाजा गया था।

18. उनके द्वारा अनेक पुस्तकों की रचना की गई, जिनमें से प्रमुख निम्नलिखित हैं: द एथिक्स ऑफ़ वेदांत (The Ethics of the Vedanta), माई सर्च फॉर ट्रुथ (My Search for Truth), रिलीजन एंड सोसाइटी (Religion and Society), इंडियन फिलासफी (Indian philosophy) आदि।

19. सम्पूर्ण भारत में उनके जन्म-दिनांक 5 सितम्बर को 'शिक्षक-दिवस' (Teachers' Day) के रूप में मनाया जाता है।

20. शिक्षा जगत में डा0 सर्वपल्ली राधाकृष्णन का नाम सदैव याद रहेगा।

ऐसे महान व्यक्तित्व के धनी डा0 सर्वपल्ली राधाकृष्णन को हमारा शत-शत नमन!!!
 

Tuesday, December 27, 2016

"अटल बिहारी वाजपेयी" के बारे में 22 रोचक तथ्य | 22 Interesting Facts about "Atal Bihari Vajpayee" in Hindi


अटल बिहारी वाजपेयी के बारे में कई रोचक बातें हैं। उनमें से 22 रोचक बातें निम्नलिखित हैं:

1. अटल बिहारी वाजपेयी का जन्म 25 दिसंबर 1924 ई० को भारत के मध्य प्रदेश राज्य में स्थित ग्वालियर के शिंदे की छावनी में हुआ था।

2. इनके पिता श्री कृष्ण बिहारी वाजपेयी ग्वालियर में ही अध्यापन कार्य करते थे। अटलजी के दादा पं० श्याम लाल बिहारी वाजपेयी जाने-माने संस्कृत के विद्वान थे।

3. अटलजी की आरंभिक शिक्षा स्थानीय विद्यालय में हुई। तत्पश्चात ग्वालियर में ही विक्टोरिया कॉलेज से स्नातक की उपाधि प्राप्त की।

4. इन्होंने कानपुर के डी.ए.वी. कॉलेज से राजनीति शास्त्र में प्रथम श्रेणी में स्नातकोत्तर की उपाधि अर्जित की। इसके पश्चात कानून की पढ़ाई करने के लिए विश्वविद्यालय में प्रवेश लिया।

5. हैरानी की बात है कि अटल बिजारी वाजपेयी ने लॉ की पढ़ाई अपने पिता के साथ-साथ की। कानून के छात्र के रूप में वे दोनों एक साथ होस्टल के कमरे में रहते थे।

6. अटल जी ने विवाह नहीं किया। उन्होंने अपना जीवन देश की भलाई के लिए एक राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ के प्रचारक के रूप में आजीवन अविवाहित रहने का संकल्प कर लिया था।

7. अटलजी अपने प्रारंभिक जीवन में ही राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ के सम्पर्क में आ गए थे। 1942 के 'भारत छोड़ो' आन्दोलन में इन्होने भी भाग लिया और 24 दिन तक कारावास में रहे।

8. इन्होने पत्रकारिता के क्षेत्र में विशिष्ट ख्याति प्राप्त की।

9. अटलजी ने अनेक पुस्तकों की रचना की। उनको कविताओं से भी खासा लगाव रहा। वह अपने विचारों को कई बार कविताओं के माध्यम से ही सामने रखते थे।

10. अटलजी एक कुशल वक्ता हैं। उनके बोलने का ढंग बिलकुल निराला है।

11. पत्रकारिता से अटलजी ने राजनीति में प्रवेश किया। 6 अप्रैल 1980 ई० में उनको भारतीय जनता पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष के पद पर आसीन किया गया।

12. 16 मई 1996 को अटलजी ने देश के 10वें प्रधानमंत्री के रूप में शपथ ली। किन्तु इस बार इनको संख्या बल के आगे त्याग-पत्र देना पड़ा।

13. 19 मार्च 1998 को पुनः अटलजी को देश के प्रधानमंत्री के रूप में शपथ दिलाई गई। 13 अक्टूबर 1999 को अटलजी ने तीसरी बार प्रधानमंत्री के रूप में शपथ ली।

14. इससे पहले 1997 में वह जनता पार्टी सरकार में विदेश मंत्री बने और संयुक्‍त राष्ट्र संघ के एक सत्र में उन्होंने हिंदी में अपना भाषण दिया।

15. यह बात सही है कि अटल बिहारी वाजपेयी भाजपा के दिग्गज नेता थे, लेकिन विरोधी दलों के बीच भी उनका अपना खास मुकाम रहा।

16. यहाँ तक कि जवाहर लाल नेहरू ने भविष्यवाणी करते हुए कह दिया था कि एक दिन अटल जी भारत के प्रधानमंत्री होंगे।

17. दिसंबर 2005 में वाजपेयी ने सक्रिय राजनीति से रिटायरमेंट का ऐलान किया।

18. अटल बिहारी वाजपेयी को उनके करीबी दोस्त और रिश्तेदार 'बापजी' कहते हैं।

19. उनकी गोद ली हुई एक बेटी है, जिसका नाम नमिता है।

20. अटलजी मात्र राजनेता ही नहीं अपितु सर्वमान्य व्यक्ति एवं साहित्यकार भी हैं। उनका चिरप्रसन्न एवं मुक्त स्वभाव उनको महान बना देता है।

21. आज अटलजी राजनीति के उस सर्वोच्च स्थान पर पहुँच चुके हैं जहाँ व्यक्ति को किसी भी राजनीतिक पक्ष की जरूरत नहीं पड़ती। अपितु उनका सान्निध्य ही किसी भी पक्ष अथवा व्यक्ति के लिए गौरव की बात होती है।

22. उनके उत्कृष्ट कार्यों के लिए उन्हें भारत के सर्वोच्च नागरिक सम्मान 'भारत रत्न' से सम्मानित किया गया।

अटल बिहारी वाजपेयी को भारतीय राजनीति के भीष्म पितामह के रूप में सदैव याद किया जायेगा!!! 


Monday, December 26, 2016

"पं० जवाहर लाल नेहरु" के बारे में 21 रोचक तथ्य | 21 Interesting Facts about "Jawahar Lal Nehru" in Hindi


पं० जवाहर लाल नेहरु के बारे में कई रोचक बातें हैं। उनमें से 21 रोचक बातें निम्नलिखित हैं:
 
1. पं० जवाहर लाल नेहरू का जन्‍म 14 नवम्बर 1889 को इलाहाबाद मेंं हुआ था।

2. इनके पिता का नाम पं० मोती लाल नेहरू तथा माता का नाम श्रीमती स्वरुप रानी था।

3. पं० नेेहरू अपने माता पिता केे एकमात्र पुत्र थे तथा इनकी दो बहनें थी।

4. नेहरू जी का विवाह कमला नेहरू से वर्ष 1916 में हुआ था। 

5. इनकी बहन विजयलक्ष्मी पंडित बाद में संयुक्त राष्ट्र महासभा की पहली महिला अध्यक्ष बनीं।

6. पं० नेेहरू ने अपनी प्रारम्भिक शिक्षा घर पर प्राप्त की।

7. वह उच्च शिक्षा के लिए इंग्लैंड गए। वहाँ से लौटकर वह बैरिस्टर हो गए लेकिन उन्होंने वकालत नहीं की।

8. वह महात्मा गाँधी के संपर्क में आये। उनके जीवन में एक महान परिवर्तन हुआ। वह स्वतंत्रता-संग्राम में कूद पड़े।

9. सन 1947 में भारत को स्वतंत्रता मिली। नेहरूजी को प्रथम प्रधानमंत्री चुना गया।

10. जवाहर लाल नेहरू लाल किले पर तिरंगा फहराने वाले पहले शख्स थे।

11. महात्मा गांधी की अपील पर जब पूरा देश विदेशी वस्तुओं का बहिष्कार कर रहा था, तो उस समय नेहरू को भी अपना बेस्ट कोट फेंकना पड़ा, इसके बाद ही उन्होनें खादी का जैकेट पहनना शुरू किया था।

12. नेहरू जी ने अपने जीवन के नौ वर्ष जेेल में बिताये थे।

13. 27 मई 1964 को पं० जवाहर लाल नेहरू का देहांत हो गया। उनके अंतिम संस्कार में लगभग 15 लाख लोग शामिल हुए थे।

14. उन्होंने संसार में शांति स्थापित करने का प्रयास किया। सारा संसार उनका सम्मान करता था। वह शांति के दूत कहे जाते थे।

15. पं० जवाहर लाल नेहरू के नाम से एक विश्वविद्यालय भी है जो 'जवाहरलाल नेहरू यूनिवर्सिटी' (J.N.U.) के नाम से जानी जाती है।

16. उन्होंने 'डिस्कवरी ऑफ इंडिया' (Discovery of India) नामक पुस्तक की रचना की।

17. नेहरु जी को गुलाब का फूल बेहद पसंद था जिसे वो अपनी शेरबानी में लगाकर रखते थे।

18. श्रीमती इंदिरा गांधी, जवाहर लाल नेहरू जी की पुत्री थीं जो बाद में देश की प्रधानमंत्री बनी थीं। 

19. नेहरु जी के उत्कृष्ट कार्यों के लिए वर्ष 1955 में उन्हें भारत के सर्वोच्च नागरिक सम्मान 'भारत रत्न' से सम्मानित किया गया।

20. वह बच्चों को बहुत प्यार करते थे। बच्चे उन्हें प्यार से 'चाचा नेहरु' कहते थे।

21. उनके जन्मदिन 14 नवम्बर को सम्पूर्ण भारत में 'बाल दिवस' के रूप में मनाया जाता है। 

Sunday, December 25, 2016

"इंदिरा गांधी" के बारे में 18 रोचक तथ्य | 18 Interesting Facts about "Indira Gandhi" in Hindi


इंदिरा गांधी के बारे में कई रोचक बातें हैं। उनमें से 18 रोचक बातें निम्नलिखित हैं:

1. इंदिरा गांधी का पूरा नाम इंदिरा प्रियदर्शिनी गांधी था। उनका जन्म 19 नवंबर 1917 को उत्तर प्रदेश के इलाहाबाद में एक संपन्न परिवार में हुआ था।

2. उनके पिता का नाम जवाहरलाल नेहरु था जो स्वतंत्र भारत के पहले प्रधानमंत्री थे। उनकी माता का नाम कमला नेहरू था। उनके दादा का नाम मोतीलाल नेहरु था।

3. इंदिरा गांधी ने फ़िरोज़ गांधी से विवाह किया एवं राजीव और संजय नामक दो पुत्रों को जन्म दिया।

4. इंदिरा गांधी ने अपनी स्कूली शिक्षा पूरी करने के पश्चात, शान्तिनिकेतन में रबिन्द्रनाथ टैगोर द्वारा निर्मित विश्व-भारती विश्वविद्यालय में प्रवेश लिया।

5. उनके साक्षात्कार के समय ही रबिन्द्रनाथ टैगोर ने उनका नाम प्रियदर्शिनी रखा और तभी से वह इंदिरा प्रियदर्शिनी नेहरु के नाम से पहचानी गयीं। 

6. आगे शिक्षा ग्रहण करने हेतु वह यूरोप चली गईं। ऐसा कहा जाता है कि वहा उन्होंने अपनी पढाई ऑक्सफ़ोर्ड विश्वविद्यालय से पूरी की।

7. इंदिरा गांधी ऑक्सफ़ोर्ड विश्वविद्यालय में एशिया की एक आदर्श महिला थीं। 

8. वर्ष 1941 में भारत वापस आने के बाद वे भारतीय स्वतंत्रता आन्दोलन में शामिल हो गयीं।

9. 1930 के 'सविनय अवज्ञा' आंदोलन के समय कॉग्रेस के स्वयंसेवको को मदद करने के लिए उन्होंने छोटे बच्चों की ‘वानरसेना’ स्थापित की थी।

10. 1942 में ‘भारत छोड़ो’ आंदोलन में शामिल होने के कारण उन्हें जेल की सजा हुई।

11. इंदिरा गांधी भारत देश की तृतीय प्रधानमंत्री बनीं। वे वर्ष 1966 से 1977 तक लगातार 3 पारी के लिए भारत गणराज्य की प्रधानमंत्री रहीं और उसके बाद चौथी पारी में 1980 से लेकर 31 अक्टूबर 1984 में उनकी हत्या तक भारत की प्रधानमंत्री रहीं।

12. वे भारत की प्रथम और अब तक की एकमात्र महिला प्रधानमंत्री रहीं।

13. इंदिरा गांधी ने 1975 से 1977 तक राज्यों में आपातकाल की स्थिति घोषित की और सभी राज्यों में इसे लागू करने का भी आदेश दिया। 

14. 31 अक्टूबर, 1984 को उनके अपने अंगरक्षक द्वारा उनकी हत्या कर दी गयी।

15. इंदिरा गांधी को 'लौह महिला' (Iron Lady) के नाम से भी संबोधित किया जाता है।

16. उनके उत्कृष्ट कार्यों के लिए उन्हें 1971 में भारत के सर्वोच्च नागरिक सम्मान ‘भारत रत्न’ से सम्मानित किया गया।

17. 'भारत रत्न' सम्मान प्राप्त करने वाली वह पहली महिला थीं। 

18. इंदिरा गांधी एक ऐसी महिला थीं, जो न केवल भारतीय राजनीति पर छाई रहीं बल्कि विश्व राजनीति के क्षितिज पर भी वह विलक्षण प्रभाव छोड़ गईं।


अपनी प्रतिभा और राजनीतिक दृढ़ता के लिए 'विश्वराजनीति' के इतिहास में इंदिरा गांधी का नाम सदैव याद रखा जायेगा!!!