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Friday, August 25, 2017

"वेंकैया नायडू" के बारे में 12 रोचक तथ्य | 12 Interesting Facts about "Venkaiah Naidu" in Hindi


वेंकैया नायडू के बारे में कई रोचक बातें हैं। उनमें से 12 रोचक बातें निम्नलिखित हैं:

1. वेंकैया नायडू का पूरा नाम मुप्पवरपु वेंकैया नायडू है।

2. वेंकैया नायडू का जन्म 1 जुलाई 1949 को आंध्र प्रदेश के नेल्लोर जिले के चावटपलेम में हुआ था।

3. वेंकैया नायडू ने अपनी स्कूली शिक्षा वी.आर. हाई स्कूल, नेल्लोर से पूरी की और वी.आर. कॉलेज से राजनीति तथा राजनयिक अध्ययन में स्नातक किया। वे स्नातक परीक्षा प्रथम श्रेणी में उत्तीर्ण हुये।

4. वेंकैया नायडू ने तत्पश्चात आन्ध्र विश्वविद्यालय, विशाखापत्तनम से कानून में स्नातक की डिग्री हासिल की।

5. वर्ष 1974 में वेंकैया नायडू आंध्र विश्वविद्यालय में छात्र संघ के अध्यक्ष के रूप में निर्वाचित हुए।

6. वेंकैया नायडू की छवि एक तेजतर्रार आन्दोलनकारी के रूप में रही है। छात्र जीवन में वे लोकनायक विचारधारा वाले जयप्रकाश नारायण की तरफ गये और उनसे काफी प्रभावित हुए।

7. जिस समय देश में आपातकाल लगा था, नायडू जी आपातकालीन संघर्ष में हिस्सा लेने लगे और वे आपातकाल के विरोध करने पर कई बार जेल भी गये।

8. 29 वर्ष की उम्र में वेंकैया नायडू वर्ष 1978 में पहली बार उदयगिरी से विधायक बने।

9. सन 1977 से 1980 तीन साल तक वेंकैया नायडू जनता पार्टी के युवा शाखा के अध्यक्ष रहे। सन 2002 से 2004 के समय वे भारतीय जनता पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष बनाये गये।

10. वर्ष 2017 में 11 अगस्त को वेंकैया नायडू ने भारत के 13वें उपराष्ट्रपति के रूप में शपथ ली। उन्होंने पूर्व उपराष्ट्रपति हामिद अंसारी की जगह ली।

11. उप राष्ट्रपति बनने से पहले नायडू जी केंद्र सरकार में शहरी विकास, आवास और शहरी गरीबी उन्मूलन तथा संसदीय कार्य मंत्री थे।

12. अटल बिहारी वाजपेयी से लेकर लालकृष्ण आडवाणी और नरेंद्र मोदी तक, वेंकैया नायडू जी सबकी पसंद रहे हैं। 



Wednesday, August 16, 2017

"रामनाथ कोविंद" के बारे में 13 रोचक तथ्य | 13 Interesting Facts about "Ramnath Kovind" in Hindi


रामनाथ कोविंद जी के बारे में कई रोचक बातें हैं। उनमें से 13 रोचक बातें निम्नलिखित हैं:
 
1. रामनाथ कोविंद जी का जन्म 1 अक्टूबर 1945 को कानपुर की डेरापुर तहसील के गांव परौंख में में हुआ था।

2. इनके पिता का नाम माईक लाल और इनकी माता का नाम कलावती था।

3. कोविन्द का सम्बन्ध कोरी (कोली) जाति से है जो उत्तर प्रदेश में अनुसूचित जाति के अंतर्गत आती है।

4. रामनाथ कोविंद की प्रारम्‍भिक शिक्षा संदलपुर ब्लाक के ग्राम खानपुर परिषदीय प्राथमिक व पूर्व माध्यमिक विद्यालय में हुई थी। इसके बाद इन्‍होंने डी.ए.वी. कॉलेज से बी कॉम व डी.ए.वी. लॉ कालेज से विधि स्नातक की पढ़ाई पूरी की।

5. रामनाथ कोविंद ने आई.ए.एस. की तैयारी की और तीसरे प्रयास में इन्‍होंने ये परीक्षा पास की लेकिन प्रथम स्‍थान न आने के कारण इन्‍होंने यह नौकरी ठुकरा दी।

6. 30 मई 1974 को रामनाथ कोविंद का विवाह सविता कोविन्द के साथ हो गया।

7. इन दोंनों के एक पुत्र जिसका नाम प्रशांत और एक पुत्री जिसका नाम स्‍वाति है।

8. कोविंद जी ने दिल्‍ली हाई कोर्ट में 16 साल तक प्रेक्टिस की थी।

9. रामनाथ कोविंद वर्ष 1977 से 1979 तक केन्‍द्र सरकार के वकील भी रहे।

10. कोविंद जी को सबसे पहली बार भारतीय जनता पार्टी ने वर्ष 1990 में घाटमपुर लोकसभा सीट से टिकट दिया लेकिन वह चुनाव हार गए।

11. कोविंद जी वर्ष 1994 में पहली बार राज्‍यसभा के लिए सांसद चुने गये थे और वह 12 साल तक राज्‍यसभा के सदस्‍य रहे थे।

12. कोविंद जी को 8 अगस्‍त 2015 को बिहार का गवर्नर नियुक्‍त किया गया।

13. 25 जुलाई 2017 को रामनाथ कोविंद ने उच्चतम न्यायालय के मुख्य न्यायाधीश जे.एस. खेहर से भारत के 14वें राष्ट्रपति के रूप में शपथ ली। 


Thursday, June 22, 2017

"चंद्रशेखर आजाद" के बारे में 15 रोचक तथ्य | 15 Interesting Facts about "Chandra Shekhar Azad" in Hindi


चंद्रशेखर आजाद के बारे में कई रोचक बातें हैं। उनमें से 15 रोचक बातें निम्नलिखित हैं:

 
1. चंद्रशेखर आज़ाद का जन्म 23 जुलाई 1906 को हुआ था। उनका वास्तविक नाम चन्द्रशेखर तिवारी था।

2. उनके पिता का नाम पंडित सीताराम तिवारी था, जो बदर गांव, जिला-उन्नाव, उत्तर प्रदेश के निवासी थे। उनकी माँ का नाम जगरानी देवी था।

3. चंद्रशेखर आज़ाद का प्रारम्भिक जीवन आदिवासी बाहुल्य क्षेत्र में स्थित भाबरा गाँव में बीता।

4. चंद्रशेखर आज़ाद, मात्र 17 वर्ष की आयु में क्रांतिकारी दल ‘हिन्दुस्तान रिपब्लिकन एसोसिएशन’ में सम्मिलित हो गए। उन्होंने दल में प्रभावी भूमिका निभायी।

5. चंद्रशेखर आज़ाद ने प्रसिद्ध ‘काकोरी कांड’ में सक्रिय भाग लिया। सांडर्स वध, सेण्ट्रल असेम्बली में भगत सिंह द्वारा बम फेंकना, वाइसराय की ट्रेन बम से उड़ाने की चेष्टा, सबके नेता वही थे।

6. 1921 में जब महात्‍मा गाँधी ने असहयोग आन्दोलन प्रारंभ किया तो उन्होंने उसमे सक्रिय योगदान किया।

7. चंद्रशेखर आज़ाद के ही सफल नेतृत्व में भगतसिंह और बटुकेश्वर दत्त ने 8 अप्रैल, 1929 को दिल्ली की केन्द्रीय असेंबली में बम विस्फोट किया।

8. चंद्रशेखर आजाद अपने साथ हमेशा एक माउज़र रखते थे। ये पिस्टल आज भी इलाहाबाद के म्यूजियम में रखी हुई है।

9. चंद्रशेखर आजाद ने अंग्रेजों के हाथों ना मरने की कसम खाई थी और इसे निभाया भी।

10. 27 फ़रवरी, 1931 को जब चंद्रशेखर आज़ाद अपने साथी सुखदेव राज के साथ एल्फ्रेड पार्क में बैठकर विचार–विमर्श कर रहे थे तो मुखबिर की सूचना पर पुलिस ने उन्हें घेर लिया। बहुत देर तक आज़ाद ने जमकर अकेले ही मुक़ाबला किया।

11. उन्होंने अपने साथी सुखदेवराज को पहले ही भगा दिया था। आख़िर में उनके पास केवल एक आख़िरी गोली बची। उन्होंने सोचा कि यदि मैं यह गोली भी चला दूँगा तो जीवित गिरफ्तार होने का भय है। उन्होंने आख़िरी गोली स्वयं पर ही चला दी। इस घटना में चंद्रशेखर आज़ाद की मृत्यु हो गई।

12. जिस पार्क में चंद्रशेखर आजाद की मौत हुई थी उसका नाम बदलकर चंद्रशेखर आजाद पार्क रख दिया गया।

13. चंद्रशेखर आज़ाद भारतीय स्वतंत्रता संग्राम के प्रसिद्ध क्रांतिकारी थे। उन्होंने साहस की नई कहानी लिखी। उनके बलिदान से स्वतंत्रता के लिए आंदोलन तेज़ हो गया। हज़ारों युवक स्‍वतंत्रता आंदोलन में कूद पड़े।

14. आजाद सदैव एक शेर बोला करते थे “दुश्मन की गोलियों का हम सामना करेंगे, आजाद ही रहे हैं. आजाद ही रहेंगे”।

15. आज़ाद के शहीद होने के सोलह वर्षों के बाद 15 अगस्त सन् 1947 को भारत की आज़ादी का उनका सपना पूरा हुआ।

एक महान स्वतंत्रता सेनानी के रूप में चंद्रशेखर आज़ाद को सदैव याद किया जायेगा !!!



Tuesday, June 20, 2017

16 Interesting Facts about "Mother Teresa"

There are many interesting and amazing facts about Mother Teresa. Out of them, 16 interesting facts about Mother Teresa are as follows:
 
1. Real Name of Mother Teresa was Agnes Gonxha Bojaxhiu. 

2. She was born on Aug. 26, 1910, in Macedonia.

3. Her father died when she was only 8, ending her family’s financial security.

4. Agnes was fascinated with missionaries from an early age, and by 12 she knew that she would commit herself to a religious vocation.

5. When she was 18, she left home and joined the Sisters of Loreto in Rathfarnham, Ireland.

6. Mother Teresa committed to be a nun in 1931 and chose the name Teresa to honour patron saints of Australia and Spain.

7. In 1946 Teresa traveled to Darjeeling for a retreat. On that journey she realized what her true calling was: “I heard the call to give up all and follow Christ into the slums to serve him among the poorest of the poor.”

8. In 1950, she founded the Missionaries of Charity, a Roman Catholic religious congregation dedicated to serve “the hungry, the naked, the homeless, the crippled and the blind.

9. Although she lived to be 87, she never saw her mother or sister again after the day she left for Ireland.

10. In addition to promoting literacy, Mother Teresa taught the children basic hygiene.

11. Mother Teresa was honored with many awards throughout her life.

12. In the year 1979, Mother Teresa was honored with the 'Nobel Peace Award'.

13. She later received 'Bharat Ratna' (India's highest civilian award) in 1980.

14. Mother Teresa died on 5 September 1997 at the age of 87 at Calcutta, West Bengal, India.

15. The Central Government had released a Rs 5 coin to commemorate the birth centenary of Mother Teresa.

16. Mother Teresa is still alive in our hearts and Mother Teresa Quotes still inspire us.


Friday, May 19, 2017

"गुरुदेव रबिन्द्रनाथ टैगोर" के बारे में 13 रोचक तथ्य | 13 Interesting Facts about "Gurudev Rabindranath Tagore" in Hindi


गुरुदेव रबिन्द्रनाथ टैगोर जी के बारे में कई रोचक बातें हैं। उनमें से 13 रोचक बातें निम्नलिखित हैं:

 
1. रबिन्द्रनाथ टैगोर का जन्म 7 मई, 1861 को कलकत्ता (वर्तमान कोलकाता) के जोड़ासाँको ठाकुरबाड़ी में हुआ था।

2. उनके पिता का नाम देवेन्द्रनाथ टैगोर तथा माता का नाम शारदा देवी था। ये देवेन्द्रनाथ टैगोर के सबसे छोटे पुत्र थे।

3. रबिन्द्रनाथ टैगोर की शिक्षा अधिकाँश घर पर हुई थी। इनको वकालत पढ़ने के लिए इंग्लैंड भेजा गया। वहाँ एक साल ठहरने के पश्चात वह भारत वापस आ गए। घर के शांतपूर्ण वातावरण में इन्होने बँगला भाषा में लिखने का कार्य आरम्भ कर दिया और शीघ्र ही प्रसिद्धि प्राप्त कर ली।

4. रबिन्द्रनाथ टैगोर ने अनेक कवितायें, लघु कहानियाँ, उपन्यास, नाटक और निबंध लिखे। उनकी रचनाएं सर्वप्रिय हो गयीं।

5. साहित्य के क्षेत्र में उन्होंने अपूर्व योगदान दिया और उनकी रचना 'गीतांजलि' के लिए उन्हें साहित्य के 'नोबल पुरस्कार' से भी सम्मानित किया गया था।
 
6. टैगोर एक दार्शनिक, कलाकार और समाज-सुधारक भी थे। कलकत्ता के निकट इन्होने एक स्कूल स्थापित किया जो अब 'विश्व भारती' के नाम से प्रसिद्द है।
 
7. रबिन्द्रनाथ टैगोर ने साहित्य, शिक्षा, संगीत, कला, रंगमंच और शिक्षा के क्षेत्र में अपनी अनूठी प्रतिभा का परिचय दिया। अपने मानवतावादी दृष्टिकोण के कारण वह सही मायनों में विश्वकवि थे।

8. भारतीय संस्कृति के सर्वश्रेष्ठ रूप से पश्चिमी देशों का परिचय और पश्चिमी देशों की संस्कृति से भारत का परिचय कराने में टैगोर की बड़ी भूमिका रही।
 
9. वे 'गुरुदेव' के नाम से लोकप्रिय हुए। गुरुदेव के काव्य के मानवतावाद ने उन्हें दुनिया भर में पहचान दिलाई।
 
10. रबिन्द्रनाथ टैगोर ने अमेरिका, ब्रिटेन, जापान, चीन सहित दर्जनों देशों की यात्राएँ की थी।

11. 7 अगस्त 1941 को देश की इस महान विभूति का देहावसान हो गया।

12. टैगोर दुनिया के अकेले ऐसे कवि हैं, जिनकी दो कृतियां, दो देशों की राष्ट्रगान बनीं। भारत का राष्ट्रगान 'जन गण मन अधिनायक जय हे, भारत भाग्य विधाता..' और बांग्लादेश का 'आमार सोनार बांग्ला...'।

13. नोबल पुरस्कार विजेता महान भारतीय कवि रबिन्द्रनाथ टैगोर की जन्म की वर्षगांठ को प्रत्येक वर्ष 'रबिन्द्रनाथ टैगोर जयंती' के रूप में मनाया जाता है। इस दिन कविगुरु के चित्र पर श्रद्धासुमन अर्पित किए जाते हैं और उन्हें सम्मान दिया जाता है।