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Wednesday, January 15, 2020

"फांसी" के बारे में 13 रोचक तथ्य | 13 Interesting Facts about "Hanging" in Hindi


हमारे देश के दंड विधान में फांसी की सजा सबसे बड़ी सजा है। भारत में किसी भी दोषी को फांसी (Hanging) पर चढ़ाए जाने के पहले लंबी प्रक्रिया होती है। फांसी की सजा सुनाये जाने से लेकर फांसी दिए जाने तक अनेक नियम-कानूनों का सामना करना पड़ता है। फांसी की सजा से जुड़ी कई रोचक बातें हैं। उनमें से 13 रोचक बातें निम्नलिखित हैं:

1. फांसी का फैसला जिस पेन से लिखा जाता है, फैसला लिखने के पश्चात उसकी निब जज द्वारा तोड़ दी जाती है।



2. डेथ वारंट जारी होने के बाद जेल प्रशासन का काम होता है कैदियों को मानसिक रूप से मौत के लिए तैयार करना। उन्हें एक अलग कोठरी में शिफ्ट किया जाता है और उनकी लगातार निगरानी की जाती है।

3. डेथ वारंट से फांसी होने तक दोषी कैदियों की लगातार काउंसलिंग की जाती है। उन्हें सादा खाना और एक जोड़ी कपड़े मिलते हैं। अगर वे चाहें तो धार्मिक ग्रंथों का पाठ भी सुन सकते हैं।

4. फांसी देने के समय सजायाफ्ता अपराधी के अतिरिक्त जेल अधीक्षक, मजिस्ट्रेट, डॉक्टर और जल्लाद मौजूद रहते हैं। इनकी उपस्थिति के बिना फांसी नहीं दी जा सकती।

5. फांसी सदैव सूर्योदय से पहले दी जाती है।

6. फांसी देने के लिए विशेष रस्सी का इंतजाम किया जाता है। यह रस्सी सिर्फ बिहार की बक्सर जेल में बनती है और इसे 'मनीला रोप' कहा जाता है।

7. फांसी का फंदा जेल में सजा काट रहे कैदी ही तैयार करते हैं। 

8. फांसी होने से पहले फांसी की रस्सी को चेक किया जाता है। फिर उस रस्सी के साथ एक डमी फांसी दी जाती है, जिसमें फांसी पाए दोषी के शरीर के वजन से डेढ़ गुना ज्यादा वजन का डमी पुतला तैयार किया जाता है।

9. फांसी देने से पहले रस्सी पर मोम या मक्खन लगाया जाता है। ऐसा इसलिए किया जाता है कि यह गर्दन को छीले नहीं बल्कि आराम से दबाव बनाए और साथ ही फंदे के लिए लगाई गई गांठ कहीं अटके नहीं।

10. फांसी से पहले कैदी की आखिरी इच्छा पूँछी जाती है। आखिरी इच्छा में कोई विशेष धर्मग्रन्थ पढ़ना, कोई विशेष व्यंजन खाना या अपने परिजनों से मिलना शामिल होता है।

11. फांसी देने से पहले जल्लाद मरने वाले से माफ़ी मांगता है।

12. फांसी से पहले कैदी के चेहरे को काले कपड़े से ढक दिया जाता है और फांसी पर लटका दिया जाता है।

13. फांसी देते वक्त सब काम इशारों में ही होता है ताकि कैदी विचलित न हो। फांसी के बाद चिकित्सक शव की जांच करके मौत की पुष्टि करते हैं। 




Monday, April 22, 2019

"धूम्रपान" के बारे में 17 खतरनाक तथ्य | 17 Dangerous Facts about "Smoking" in Hindi


धूम्रपान के बारे में कई खतरनाक बातें हैं। उनमें से 17 बातें निम्नलिखित हैं:

1. पन्द्रहवीं सदी में मुगलकाल बादशाह अकबर के वैद्य अब्दुल ने हुक्के का आविष्कार किया था।
 
2. भारत में वर्नेल नामक पुर्तगाली ही तंबाकू को लेकर आए थे।
 
3. भारत में सन् 1609 के आसपास धूम्रपान की शुरूआत हुई।
 
4. अमेरिका में लोगों ने तंबाकू को पत्ते में लपेटकर बीड़ी के रूप में पीना शुरू किया था।
 
5. इंग्लैण्ड वासी ने तंबाकू को कागज में लपेटकर धूम्रपान के रूप में इस्तेमाल करना शुरू‍ किया।
 
6. चीन और ब्राजील के बाद भारत तीसरा सबसे बड़ा तम्बाकू उत्पादक देश है।
 
7. 20 फीसदी तम्बाकू का इस्तेमाल सिगरेट में होता है।
 
8. दुनियाभर में हर साल करीब 5.5 खरब सिगरेट का उत्पादन होता है और एक अरब से ज्यादा लोग इसका सेवन करते हैं।
 
9. विश्व में हर 8 सेकिण्ड में धूम्रपान की वजह से एक व्यक्ति की मौत होती है।
 
10. 90 प्रतिशत मुंह का कैंसर, 90 प्रतिशत फेफड़े का कैंसर और 77 प्रतिशत नली का कैंसर धूम्रपान सेवन करने से है।
 
11. विश्व में 80 फीसदी धूम्रपान करने वाले लोग ‌निम्न एवं मध्यम आय वाले विकासशील देशों में रहते हैं।
 
12. चिकित्सा विशेषज्ञों के अनुसार, 5 से 10 सिगरेट रोज पीने वाले व्यक्ति को दिल का दौरा पड़ने की आशंका दोगुना ज्यादा बढ़ जाती है।
 
13. एक सिगरेट को पीने से जीवन के 5 मिनट कम हो जाते है।
 
14. अगर आप रोज 20 सिगरेट (एक सिगरेट की कीमत 12 रुपए) पीते हैं, तो आप एक दिन में 240 रुपए कि सिगरेट पीते है और एक साल में 87, 600 रुपए की सिगरेट पी जाते है, और 18 साल 50 साल के बीच आप सिगरेट पर कुल 28,03200 रुपए धुंए में उडा चुके होंगे।
 
15. धूम्रपान जनित रोगों से निपटने में भारत सरकार का लगभग 27 हजार करोड़ रूपए प्रतिवर्ष खर्च हो रहा है।
 
16. अमेरिका के शहर मोंटाना में 2002 में धूम्रपान पर प्रतिबंध लगाए जाने के बाद हार्ट अटैक की घटनाओं में 40 प्रतिशत की कमी आई है।
 
17. तंबाकू और धूम्रपान के दुष्परिणामों को देखते हुए विश्व स्वास्थ्य संगठन के सदस्य देशों ने इसके लिए एक प्रस्ताव रखा जिसके बाद हर साल 31 मई को तंबाकू निषेध दिवस मनाने का निर्णय लिया गया। तभी से 31 मई को प्रतिवर्ष विश्व धूम्रपान निषेध दिवस के रूप में इसे मनाया जाता है। 





Tuesday, November 21, 2017

"गुर्दे (किडनी)" के बारे में 21 रोचक तथ्य | 21 Interesting Facts about "Kidney" in Hindi


गुर्दे (Kidney) के बारे में कई रोचक बातें हैं। उनमें से 21 रोचक बातें निम्नलिखित हैं:

1. गुर्दे (Kidney) की रचना बड़ी अटपटी है और उसके कार्य अत्यंत जटिल हैं। उनके दो प्रमुख कार्य हैं- हानिकारक अपशिष्ट उत्पादों और विषैले कचरे को शरीर से बाहर निकालना और शरीर में पानी, तरल पदार्थ, खनिजों आदि का नियमन करना।

2. गुर्दे शरीर में फिल्टर का कार्य करते हैं और दूषित रक्त और दूषित विषाक्त को शरीर से बाहर निकालते हैं, इसलिए इन्हें शरीर का प्राकृतिक फिल्टर भी कहा जाता है।

3. स्त्री और पुरुष दोनों के शरीर में सामान्यत: दो गुर्दे (किडनी) होते हैं।

4. गुर्दे पेट के अंदर, पीछे के हिस्से में, रीढ़ की हड्डी के दोनों तरफ (पीठ के भाग में), छाती की पसलियों के सुरक्षित तरीके से स्थित होते हैं।

5. शरीर का लगभग 20-25 प्रतिशत रक्त गुर्दे (किडनी) से पम्प होकर दिल और मस्तिष्क में जाता है।

6. गुर्दे की लम्बाई लगभग 12 से.मी. तक होती है। गुर्दे का वजन लगभग 140 ग्राम तक होता है।

7. स्त्री और पुरुष दोनों में गुर्दे की रचना, स्थान और कार्यप्रणाली एक समान होती है।

8. खून को साफ करके पेशाब (Urine) बनाने का कार्य करने वाले गुर्दे की सबसे छोटी एवं बारीक यूनिट को नेफ्रोन (Nephron) कहते हैं, जो एक छन्नी की तरह होती है। प्रत्येक गुर्दे में लगभग दस लाख नेफ्रोन होते हैं।
 

9. प्रत्येक नेफ्रोन के मुख्य दो हिस्से होते हैं पहला ग्लोमेरुलस (Glomerulus) और दूसरा ट्यूब्यूल्स (Tubules)। इसमें ग्लोमेरुलस (रक्त वाहिनियों का गुच्छा) फ़िल्टर का काम करता है और सर्पाकार ट्यूब्यूल्स आर.ओ. का काम करती है, जो घुले हुए अनावश्यक लवणों को हटा देती हैं।

10. आपको यह जानकर आश्चर्य होगा की ग्लोमेरुलस के नाम से जानी जानेवाली छन्नी प्रत्येक मिनट में लगभग 125 मि.ली. प्रवाही बनाकर प्रथम चरण में 24 घंटों में 180 लीटर पेशाब (Urine) बनाती है। इस 180 लीटर पेशाब (Urine) में अनावश्यक पदार्थ, क्षार और जहरीले पदार्थ भी होते हैं। साथ ही इसमें शरीर के लिए उपयोगी ग्लूकोज तथा अन्य पदार्थ भी होते हैं।

11. ग्लोमेरुलस में बननेवाला 180 लीटर पेशाब (Urine) ट्यूब्यूल्स में आता है, जहाँ उसमें से 99 प्रतिशत द्रव का अवशोषण (Reabsorption) हो जाता है।

12. गुर्दे जरूरी पदार्थों को रख कर अनावश्यक पदार्थों को पेशाब द्वारा बाहर निकालते हैं जो एक अनोखी, अद्‍भुत तथा जटिल प्रक्रिया है।

13. शरीर में जो सात लीटर पानी होता है, उसकी प्रतिदिन करीब 400 बार छनाई और सफाई होती है।

14. क्या आप जानते हैं कि शरीर के दोनों गुर्दों में प्रति मिनट 1200 मि.ली. लीटर खून स्वच्छ होने के लिए आता है जो हृदय द्वारा शरीर में पहुँचनेवाले समस्त खून के लगभग बीस प्रतिशत के बराबर है। इस तरह 24 घंटे में अनुमानत: 1700 लीटर खून का शुद्धीकरण होता है।

15. गुर्दा मानव शरीर का एक महत्वपूर्ण अंग है। गुर्दे की खराबी, किसी गंभीर बीमारी या मौत का कारण भी बन सकती है।

16. खून में उपस्थित लाल रक्तकणों का उत्पादन एरिथ्रोपोएटीन 
(Erythropoietin) की मदद से अस्थिमज्जा (Bone Marrow) में होता है। एरिथ्रोपोएटीन गुर्दे में बनता है।

17. दुनिया में लगभग 500 मिलियन लोग गुर्दे की बीमारियों से ग्रसित हैं।

18. दोनों गुर्दे खराब होने पर व्यक्ति 1 गुर्दा ट्रांसप्लांट (Kidney Transplant) से सामान्य व्यक्ति की तरह जीवन जी सकता है।

19. चिकित्सा शास्त्र के अनुसार मात्र 1 गुर्दे का आधा हिस्सा 2 गुर्दे के बराबर काम कर सकता है।

20. क्या आप को मालूम है कि पेशाब (Urine) की मात्रा में अत्यंत कमी या वृद्धि गुर्दे के रोग का संकेत है।

21. प्रथम गुर्दा (किडनी) ट्रांसप्लांट सन् 1954 में डाॅ. जोसेफ ने दो जुड़े बच्चों पर किया किया था। 



Monday, October 30, 2017

"तम्बाकू" के बारे में 19 खतरनाक तथ्य | 19 Dangerous Facts about "Tobacco" in Hindi


तम्बाकू से संबंधित कई खतरनाक बातें हैं। उनमें से 19 बातें निम्नलिखित हैं:

1. तम्बाकू, एक प्रकार के निकोटियाना प्रजाति के पेड़ के पत्तों को सुखा कर नशा करने की वस्तु बनाई जाती है।

2. सम्पूर्ण संसार में तम्बाकू का दुरूपयोग सिगरेट के रूप में किया जाता है। भारत में इसका उपयोग अन्य रूप में भी किया जाता है, जैसे- बीड़ी, हुक्का, गुल, गुड़ाकु, जर्दा, किमाम, खैनी, गुटखा आदि।

3. तम्बाकू को जब गुल, गुड़ाकु, या खैनी, के रूप में प्रयोग करते है तो इसके कारण मुंह मे अनेक रोग उत्पन्न हो सकते हैं, जैसे- सफेद दाग, मुँह का नहीं खुल पाना, तथा कैंसर रोग भी हो सकता है।

4. बीड़ी-सिगरेट के पीने से शरीर में व्यापक प्रभाव पड़ता है। इसके कारण हृदय रोग जैसे मायोकोर्डियल इनर्फाकशन तथा अनजाइना हो सकता है। रक्तचाप (ब्लड प्रेशर) बढ़ सकता है। साँस की बीमारी जैसे ब्रोंकाइटीस, दमा, तथा फेफड़ो का कैंसर हो सकता है।

5. आंकड़े बोलते हैं कि भारत में 48 प्रतिशत पुरूष और 20 प्रतिशत महिला तम्बाकू का सेवन करती हैं। 

6. आंकड़े बोलते हैं कि 90 प्रतिशत मुंह का कैंसर, 90 प्रतिशत फेफड़े का कैंसर और 77 प्रतिशत नली का कैंसर धूम्रपान सेवन करने से होता है।

7. चीन और ब्राजील के बाद भारत तीसरा सबसे बड़ा तम्बाकू उत्पादक देश है।

8. विश्व स्वास्थ्य संगठन (W.H.O.) के मुताबिक दुनिया के करीब 125 देशों में तंबाकू का उत्पादन होता है। 

9. दुनिया भर में हर साल करीब 5.5 खरब सिगरेट का उत्पादन होता है और एक अरब से ज्यादा लोग इसका सेवन करते हैं।

10. विश्व स्वास्थ्य संगठन (W.H.O.) के अनुसार चीन में 30 प्रतिशत लोग, भारत में 11 प्रतिशत लोग, रूस में 5.5 प्रतिशत, अमेरिका में 5 प्रतिशत और जर्मनी में 2.5 प्रतिशत लोग धूम्रपान करते हैं।

11. रिपोर्ट के अनुसार भारत में भारत में तम्बाकू का सेवन करने वाले 60 प्रतिशत लोग सुबह उठने के आधे घंटे के भीतर ही तम्बाकू का सेवन करते हैं।

12. भारत में 10 अरब सिगरेट और 72 करोड़ 50 लाख किलो तंबाकू का उत्पादन होता है।

13. 8 लाख लोगों की हर वर्ष तम्बाकू उत्पादों से सेवन करने के कारण मौतें होती हैं।

14. विश्व में हर 8 सेकेण्ड में धूम्रपान की वजह से एक व्यक्ति की मौत हो रही है।

15. प्रत्येक दिन, 18 वर्ष से कम उम्र के 3200 से अधिक लोग पहली बार धूम्रपान करते हैं। जिनमें से लगभग 2100 युवा धूम्रपान के आदि हो जाते हैं।

16. दुनिया के किसी अन्य देश के मुक़ाबले में भारत में तंबाकू से होने वाली बीमारियों से मरने वाले लोगों की संख्या बहुत तेजी से बढ़ रही है।

17. भारत में सार्वजनिक स्थानों पर धूम्रपान पर पाबंदी है, इसके बावजूद लचर कानून व्यवस्था के चलते इस पर अमल नहीं हो पाता।

18. भारत में आर्थिक मामलों की संसदीय समिति पहले ही राष्ट्रीय तम्बाकू नियंत्रण कार्यक्रम को मंज़ूरी दे चुकी है। इसका मक़सद तम्बाकू नियंत्रण कानून के प्रभावी क्रियान्वयन और तम्बाकू के हानिकारक प्रभावों के बारे में लोगों तक जागरूकता फैलाना है।

19. तंबाकू और धूम्रपान के दुष्परिणामों को देखते हुए ही विश्व स्वास्थ्य संगठन (W.H.O.) ने हर साल 31 मई को तंबाकू निषेध दिवस मनाने का निर्णय लिया। तभी से 31 मई को प्रतिवर्ष 'विश्व धूम्रपान निषेध दिवस' के रूप में इसे मनाया जाता है। 



Tuesday, September 5, 2017

"भारत के राष्ट्रीय ध्वज" के बारे में 17 रोचक तथ्य | 17 Interesting Facts about "National Flag of India" in Hindi


भारत के राष्ट्रीय ध्वज के बारे में कई रोचक बातें हैं। उनमें से 17 रोचक बातें निम्नलिखित हैं:

1. भारत का राष्ट्रीय ध्वज 'तिरंगा' है।

 
2. भारत के राष्ट्रीय ध्वज में सबसे ऊपर केसरिया, बीच में सफ़ेद व सबसे नीचे हरा रंग है। सभी रंग बराबर अनुपात में हैं। सफ़ेद रंग की पट्टी पर झंडे के मध्य में नीले रंग का चक्र है जिसमें 24 तीलियाँ हैं।

3. केसरिया रंग देश की ताकत एवं साहस का परिचायक है। बीच में सफ़ेद रंग की पट्टी शांति एवं सत्यता को दर्शाती है। हरे रंग की पट्टी धरती की उर्वरता, विकास एवं पवित्रता की परिचायक है। चक्र इस बात को दर्शित करता है कि जीवन गतिमान है जबकि मृत्यु निश्चलता का नाम है।

4. भारत के राष्ट्रीय ध्वज की लंबाई व चौड़ाई का अनुपात 3:2 है। चक्र का व्यास सफ़ेद पट्टी की चौड़ाई के लगभग बराबर होता है।

5. भारत के राष्ट्रीय ध्वज तिरंगे को 'पिंगली वेंकय्या', एक कृषक और भारतीय स्वतंत्रता सेनानी द्वारा डिजाइन किया गया था।

6. भारत की संविधानकारी सभा द्वारा तिरंगे को भारतीय राष्ट्रीय ध्वज के रूप में 22 जुलाई 1947 को अंगीकृत किया गया था।

7. भारत के राष्ट्रीय ध्वज को विदेशी धरती पर सबसे पहले 'भीखाजी खामा' के द्वारा लहराया गया था।

8. 'राकेश शर्मा' के द्वारा अन्तरिक्ष पर पहला राष्ट्रीय तिरंगा फ़हराया गया।

9. भारत के राष्ट्रीय ध्वज के निर्माण करने का अधिकार खादी विकास और ग्रामोद्योग आयोग के पास है, जो बदले में इसे क्षेत्रीय समूहों को आवंटित करता है।

10. भारत में ‘फ्लैग कोड ऑफ इंडिया’ (भारतीय ध्वज संहिता) नाम का एक कानून है, जिसमें भारत के राष्ट्रीय ध्वज को फहराने के कुछ नियम-कायदे निर्धारित किए गए हैं।

11. भारत के राष्ट्रीय ध्वज को फहराने का नियम यह है कि इसे सूर्योदय और सूर्यास्त के बीच दिन के प्रकाश में फहराया जाना चाहिए।

12. किसी भी हालत में फटा हुआ तिरंगा (राष्ट्रीय ध्वज) नहीं फ़हराया जा सकता है।

13. कोई अन्य ध्वज या कोई प्रतीकात्मक प्रतिनिधित्व भारत के राष्ट्रीय ध्वज के ऊपर नहीं होना चाहिए।

14. भारत के राष्ट्रीय ध्वज का उपयोग किसी भी तरह के व्यापार, कपड़ा पहनने, कवर आदि के लिए इस्तेमाल में नहीं किया जाना चाहिए।

15. भारत के संविधान के अनुसार जब किसी राष्ट्र विभूति का निधन होता हैं व राष्ट्रीय शोक घोषित होता हैं, तब कुछ समय के लिए भारत के राष्ट्रीय ध्वज को झुका दिया जाता हैं।

16. देश के लिए जान देने वाले शहीदों और देश की महान शख्सियतों को तिरंगे में लपेटा जाता हैं। इस दौरान केसरिया पट्टी सिर की तरफ और हरी पट्टी पैरों की तरफ होनी चाहिए।

17. लोगो को अपने घरों या आफिस में आम दिनों में भी भारत के राष्ट्रीय ध्वज फहराने की अनुमति 22 दिसंबर 2002 के बाद मिली।