हमारे देश के दंड विधान में फांसी की सजा सबसे बड़ी सजा है। भारत में किसी भी दोषी को फांसी (Hanging) पर चढ़ाए जाने के पहले लंबी प्रक्रिया होती है। फांसी की सजा सुनाये जाने से लेकर फांसी दिए जाने तक अनेक नियम-कानूनों का सामना करना पड़ता है। फांसी की सजा से जुड़ी कई रोचक बातें हैं। उनमें से 13 रोचक बातें निम्नलिखित हैं:
1. फांसी का फैसला जिस पेन से लिखा जाता है, फैसला लिखने के पश्चात उसकी निब जज द्वारा तोड़ दी जाती है।
2. डेथ वारंट जारी होने के बाद जेल प्रशासन का काम होता है कैदियों को मानसिक रूप से मौत के लिए तैयार करना। उन्हें एक अलग कोठरी में शिफ्ट किया जाता है और उनकी लगातार निगरानी की जाती है।
3. डेथ वारंट से फांसी होने तक दोषी कैदियों की लगातार काउंसलिंग की जाती है। उन्हें सादा खाना और एक जोड़ी कपड़े मिलते हैं। अगर वे चाहें तो धार्मिक ग्रंथों का पाठ भी सुन सकते हैं।
4. फांसी देने के समय सजायाफ्ता अपराधी के अतिरिक्त जेल अधीक्षक, मजिस्ट्रेट, डॉक्टर और जल्लाद मौजूद रहते हैं। इनकी उपस्थिति के बिना फांसी नहीं दी जा सकती।
5. फांसी सदैव सूर्योदय से पहले दी जाती है।
6. फांसी देने के लिए विशेष रस्सी का इंतजाम किया जाता है। यह रस्सी सिर्फ बिहार की बक्सर जेल में बनती है और इसे 'मनीला रोप' कहा जाता है।
7. फांसी का फंदा जेल में सजा काट रहे कैदी ही तैयार करते हैं।
8. फांसी होने से पहले फांसी की रस्सी को चेक किया जाता है। फिर उस रस्सी के साथ एक डमी फांसी दी जाती है, जिसमें फांसी पाए दोषी के शरीर के वजन से डेढ़ गुना ज्यादा वजन का डमी पुतला तैयार किया जाता है।
9. फांसी देने से पहले रस्सी पर मोम या मक्खन लगाया जाता है। ऐसा इसलिए किया जाता है कि यह गर्दन को छीले नहीं बल्कि आराम से दबाव बनाए और साथ ही फंदे के लिए लगाई गई गांठ कहीं अटके नहीं।
10. फांसी से पहले कैदी की आखिरी इच्छा पूँछी जाती है। आखिरी इच्छा में कोई विशेष धर्मग्रन्थ पढ़ना, कोई विशेष व्यंजन खाना या अपने परिजनों से मिलना शामिल होता है।
11. फांसी देने से पहले जल्लाद मरने वाले से माफ़ी मांगता है।
12. फांसी से पहले कैदी के चेहरे को काले कपड़े से ढक दिया जाता है और फांसी पर लटका दिया जाता है।
13. फांसी देते वक्त सब काम इशारों में ही होता है ताकि कैदी विचलित न हो। फांसी के बाद चिकित्सक शव की जांच करके मौत की पुष्टि करते हैं।
10. फांसी से पहले कैदी की आखिरी इच्छा पूँछी जाती है। आखिरी इच्छा में कोई विशेष धर्मग्रन्थ पढ़ना, कोई विशेष व्यंजन खाना या अपने परिजनों से मिलना शामिल होता है।
11. फांसी देने से पहले जल्लाद मरने वाले से माफ़ी मांगता है।
12. फांसी से पहले कैदी के चेहरे को काले कपड़े से ढक दिया जाता है और फांसी पर लटका दिया जाता है।
13. फांसी देते वक्त सब काम इशारों में ही होता है ताकि कैदी विचलित न हो। फांसी के बाद चिकित्सक शव की जांच करके मौत की पुष्टि करते हैं।