Wednesday, December 21, 2016

"चौधरी चरण सिंह" के बारे में 20 रोचक तथ्य | 20 Interesting Facts about "Chaudhary Charan Singh" in Hindi


चौधरी चरण सिंह के बारे में कई रोचक बातें हैं। उनमें से 20 रोचक बातें निम्नलिखित हैं:

1. चौधरी चरण सिंह का जन्म 23 दिसम्बर 1902 को उत्तर प्रदेश, भारत के मेरठ जनपद में हुआ था।

2. उनके पिता चौधरी मीर सिंह ने अपने नैतिक मूल्यों को विरासत में चरण सिंह को सौंपा था।

3. चरण सिंह का विवाह सन 1929 में गायत्री देवी के साथ हुआ। इन दोनों के पांच संताने हुईं।

4. सन 1923 में में चरण सिंह ने विज्ञान विषय में स्नातक किया और दो वर्ष बाद सन 1925 में उन्होंने ने कला वर्ग में स्नातकोत्तर की परीक्षा उत्तीर्ण की।

5. इसके पश्चात उन्होंने आगरा विश्वविद्यालय से क़ानून की पढ़ाई की और फिर विधि की परीक्षा उत्तीर्ण करने के बाद सन 1928 में गाज़ियाबाद में वक़ालत आरम्भ कर दिया।

6. वकालत के दौरान, चौधरी चरण सिंह उन्हीं मुकदमों को स्वीकार करते थे जिनमें मुवक्किल का पक्ष उन्हें न्यायपूर्ण प्रतीत होता था।

7. सन 1930 में सविनय अवज्ञा आन्दोलन के दौरान ‘नमक कानून’ तोड़ने में चरण सिंह को 6 महीने की सजा सुनाई गई। जेल से रिहा होने के बाद उन्होंने स्वयं को देश के स्वतन्त्रता संग्राम में पूर्ण रूप से समर्पित कर दिया।

8. सन 1940 में गांधीजी द्वारा किये गए ‘व्यक्तिगत सत्याग्रह’ में भी चरण सिंह को गिरफ्तार किया गया जिसके बाद वे अक्टूबर 1941 में रिहा किये गये।
 

9. चौधरी चरण सिंह स्वतंत्र भारत के पांचवें प्रधानमंत्री के रूप में 28 जुलाई, 1979 को पद पर आसीन हुए।

10. हालांकि वे भारत के प्रधानमंत्री बने पर उनका कार्यकाल बहुत छोटा रहा। वे महज 5 महीने और कुछ दिन ही देश का प्रधानमंत्री रह पाए और बहुमत सिद्ध करने से पहले ही त्यागपत्र दे दिया।

11. प्रधानमंत्री बनने से पहले उन्होंने भारत के गृह मंत्री और उप-प्रधानमंत्री के तौर पर भी कार्य किया था।

12. वे दो बार उत्तर प्रदेश राज्य के मुख्यमंत्री भी रहे और उसके पूर्व दूसरे मंत्रालयों का कार्यभार भी संभाला था।
 
13. प्रधानमंत्री पद की शपथ लेने के बाद राष्ट्र के नाम अपने पहले सम्बोधन में चौधरी चरण सिंह ने कहा था- "गरीबी को हटाना एवं हर एक नागरिक को जीवन की मूलभूत आवश्यकताएं उपलब्ध कराना आवश्यक है।"

14. चौधरी चरण सिंह राजनीति में स्वच्छ छवि रखने वाले इंसान थे। वह गांधीवादी विचारधारा में यक़ीन रखते थे।

15. चौधरी चरण सिंह की नीति किसानों व गरीबों को ऊपर उठाने की थी। उनका यह मत था कि बगैर किसानों को खुशहाल किए देश व प्रदेश का विकास नहीं हो सकता।

16. चौधरी चरण सिंह की मेहनत के कारण ही 'जमींदारी उन्मूलन विधेयक' 1952 में पारित हो सका।

17. चौधरी चरण सिंह की मृत्यु 29 मई 1987 में हुई।

18. एक राजनेता के साथ चौधरी चरण सिंह एक कुशल लेखक भी थे और अंग्रेज़ी भाषा पर अच्छा अधिकार रखते थे।

19. उन्होंने ‘अबॉलिशन ऑफ़ ज़मींदारी’, ‘लिजेण्ड प्रोपराइटरशिप’ और ‘इंडियास पॉवर्टी एण्ड इट्स सोल्यूशंस’ नामक पुस्तकों का लेखन भी किया।

20. चौधरी चरण सिंह की स्मृति में उनके जन्मदिन 23 दिसम्बर को प्रति वर्ष 'किसान दिवस' के रूप में मनाया जाता है। 


भारतीय इतिहास में चौधरी चरण सिंह का नाम प्रधानमंत्री से ज़्यादा एक किसान नेता के रूप में सदैव याद किया जायेगा!!!