डॉ० राजेन्द्र प्रसाद के बारे में कई रोचक बातें हैं। उनमें से 16 रोचक बातें निम्नलिखित हैं:
1. डॉ० राजेन्द्र प्रसाद का जन्म 3 दिसंबर, 1884 को बिहार के एक छोटे से गांव जीरादेई में हुआ था।
2. उनके पिता का नाम महादेव सहाय था जो संस्कृत एवं फारसी के विद्वान थे। उनकी माता कमलेश्वरी देवी एक धर्मपरायण महिला थीं।
3. उनका विवाह बाल्य काल में ही, लगभग 13 वर्ष की उम्र में, राजवंशी देवी से हो गया।
4. डॉ० राजेन्द्र प्रसाद की प्रारंभिक शिक्षा छपरा के जिला स्कूल में हुई। आगे की पढ़ाई उन्होंने पटना में जारी रखी। सन् 1902 में उन्होंने कोलकाता के प्रसिद्ध प्रेसिडेंसी कॉलेज में दाखिला लिया।
5. 1915 में उन्होंने स्वर्ण पदक के साथ विधि परास्नातक की परीक्षा पास की और बाद में विधि के क्षेत्र में ही उन्होंने डॉक्ट्रेट की उपाधि भी हासिल की।
6. डॉ० राजेन्द्र प्रसाद भारतीय स्वाधीनता आंदोलन के प्रमुख नेताओं में से थे जिन्होंने भारतीय राष्ट्रीय कांग्रेस के अध्यक्ष के रूप में प्रमुख भूमिका निभाई।
7. डॉ० राजेन्द्र प्रसाद जी को 'भारत छोड़ो' आन्दोलन में भाग लेने के कारण 1942 में जेल जाना पड़ा।
8. उन्होंने भारतीय संविधान के निर्माण में भी अपना योगदान दिया था।
9. डॉ० राजेन्द्र प्रसाद जी 26 जनवरी 1950 को स्वतंत्र भारत के प्रथम राष्ट्रपति बने।
10. भारत के राष्ट्रपति (President of India) बनने से पहले वे तीन बार अखिल भारतीय कांग्रेस कमेटी के अध्यक्ष, और संविधान सभा के अध्यक्ष रह चुके थे।
11. उन्होंने 12 वर्षों तक राष्ट्रपति के रूप में कार्य करने के पश्चात वर्ष 1962 में अपने अवकाश की घोषणा की।
12. भारत के सर्वोच्च सम्मान 'भारत रत्न' अवार्ड की शुरुआत डॉ० राजेन्द्र प्रसाद के द्वारा 2 जनवरी 1954 को हुई थी उस समय केवल जीवित व्यक्ति को ही 'भारत रत्न' दिया जाता था।
13. सम्पूर्ण देश में अत्यन्त लोकप्रिय होने के कारण उन्हें 'राजेन्द्र बाबू' या 'देशरत्न' कहकर पुकारा जाता था।
14. डॉ० राजेन्द्र प्रसाद का देहांत 28 फरवरी, 1963 में हुआ।
15. उनके उत्कृष्ट कार्यों के लिए भारत सरकार द्वारा वर्ष 1962 में उन्हें देश के सर्वोच्च सम्मान भारत रत्न से सम्मानित किया गया था।
16. उनके जन्म की वर्षगाँठ 3 दिसंबर को अधिवक्ता समुदाय द्वारा प्रत्येक वर्ष 'अधिवक्ता दिवस' (Advocate's Day) के रूप में संपूर्ण देश में धूम-धाम से मनाया जाता है।
अपने चट्टान सदृश्य आदर्शों एवं श्रेष्ठ भारतीय मूल्यों के लिए, राष्ट्र के लिए, डॉ० राजेन्द्र प्रसाद जी सदैव प्रेरणाश्रोत बने रहेंगे!!!