पोंगल के बारे में कई रोचक बातें हैं। उनमें से 12 रोचक बातें निम्नलिखित हैं:
1. पोंगल दक्षिण भारत, मुख्य रूप से तमिलनाडु के सबसे लोकप्रिय व प्रमुख त्यौहारों में से एक है।
2. पोंगल शब्द के दो अर्थ हैं। पहला यह कि इस दिन सूर्य देव को जो प्रसाद अर्पित किया जाता है वह पोंगल कहलाता है। दूसरा यह कि तमिल भाषा में पोंगल का एक अन्य अर्थ निकलता है अच्छी तरह उबालना।
3. पोंगल एक फसली त्यौहार है। यह त्यौहार हर साल जनवरी के मध्य में पड़ता है।
4. इस दिन से तमिलनाडु में नए साल का आगाज होता है।
5. पारम्परिक रूप से पोंगल सम्पन्नता को समर्पित त्यौहार है। इसमें समृद्धि लाने के लिए वर्षा, धूप तथा खेतिहर मवेशियों की आराधना की जाती है।
6. यह त्यौहार चार दिनों के लिए मनाया जाता है।
7. पहली पोंगल को 'भोगी पोंगल' कहते हैं जो भगवान इंद्र को समर्पित है। इस दिन संध्या के समय लोग अपने घरों से पुराने वस्त्र और कूडे़ को इकठ्ठा कर के आग में जलाते हैं।
8. दूसरी पोंगल को 'सूर्य पोंगल' कहते हैं। इस दिन लोग पोंगल नामक एक प्रकार की खीर बनाते हैं जो कि मिट्टी के बर्तन में नये धान और गुड़ से बनाई जाती है। पोंगल तैयार होने के बाद सूर्य देव की पूजा की जाती है और भोग लगाया जाता है।
9. तीसरे पोंगल को 'मट्टू पोंगल' कहा जाता है। तमिल मान्यता के अनुसार मट्टू भगवान शंकर का बैल है जिसे एक भूल के कारण भगवान शंकर ने पृथ्वी पर रह कर मानव के लिए अन्न पैदा करने के लिए कहा और तब से पृथ्वी पर रह कर कृषि कार्य में मानव की सहायता कर रहा है। इस दिन किसान अपने बैलों को स्नान कराते हैं, उन्हें सजाते हैं तथा उनकी पूजा करते हैं।
10. चौथे पोंगल को 'तिरूवल्लूर' के नाम से भी पुकारा जाता है। इस दिन घर को आम तथा नारियल के पत्तों से सजाया जाता है। घर के मुख्य द्वार पर रंगोली बनाई जाती है। साथ ही लोग नये कपडे़ पहनते हैं और दोस्तों तथा रिश्तेदारों के यहां मिठाई और पोंगल बना कर भेजते हैं।
11. तमिलनाडु के प्रायः सभी सरकारी संस्थानों में पोंगल के त्यौहार के अवसर पर अवकाश रहता है।
12. पोंगल पर्व सिर्फ तमिलनाडु में ही नहीं विदेश में भी बनाया जाता है। अमेरिका, कनाडा, सिंगापुर, मलेशिया, श्रीलंका सहित और देशों में भी पोंगल बड़े धूमधाम से मनाया जाता है।